https://hindi.sputniknews.in/20250502/jaishankar-criticises-colonialism-and-big-power-dominance-at-waves-2025-9057598.html
जयशंकर ने WAVES 2025 में उपनिवेशवाद और बड़ी शक्तियों के प्रभुत्व की आलोचना की
जयशंकर ने WAVES 2025 में उपनिवेशवाद और बड़ी शक्तियों के प्रभुत्व की आलोचना की
Sputnik भारत
आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI) के बढ़ते प्रभाव के संबंध में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने प्रामाणिकता के मुद्दों से लेकर बौद्धिक संपदा से जुड़ी चिंताओं तक उभरती चुनौतियों पर प्रकाश डाला।
2025-05-02T12:36+0530
2025-05-02T12:36+0530
2025-05-02T13:49+0530
विश्व
भारत
भारत सरकार
भारत का विकास
विदेश मंत्रालय
भारत का विदेश मंत्रालय (mea)
एस. जयशंकर
उपनिवेशवाद
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी
artificial intelligence (ai)
https://cdn1.img.sputniknews.in/img/07e9/05/02/9057657_27:0:1254:690_1920x0_80_0_0_fdf71fc897ec5cd251cbbb9d736b6deb.jpg
भारतीय विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने गुरुवार को अधिक समतापूर्ण वैश्विक भविष्य बनाने के लिए सांस्कृतिक परंपराओं को बढ़ावा देने और प्रौद्योगिकी का जिम्मेदारी से उपयोग करने के महत्व पर जोर दिया।विश्व दृश्य-श्रव्य एवं मनोरंजन शिखर सम्मेलन (WAVES) 2025 के दूसरे दिन अपने संबोधन के दौरान उन्होंने कहा कि यद्यपि बहुलवाद विश्व में अंतर्निहित है, लेकिन ऐतिहासिक रूप से इसे उपनिवेशवाद और शक्तिशाली राष्ट्रों के प्रभुत्व द्वारा दबा दिया गया है।उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि एक अधिक न्यायपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय प्रणाली की स्थापना के लिए "हमारी परंपराओं, विरासत, विचारों और रचनात्मकता को आवाज प्रदान करना" आवश्यक होगा।जयशंकर ने अपनी बात में जोड़ते हुए कहा कि चल रहे वैश्विक परिवर्तन का एक "मजबूत सांस्कृतिक आयाम" है और उन्होंने विविध दृष्टिकोणों को बढ़ाने के लिए नवाचार और प्रौद्योगिकी के उपयोग की वकालत की।
भारत
Sputnik भारत
feedback.hindi@sputniknews.com
+74956456601
MIA „Rossiya Segodnya“
2025
सत्येन्द्र प्रताप सिंह
https://cdn1.img.sputniknews.in/img/07e6/0c/13/137983_0:0:390:391_100x100_80_0_0_d7f05508f508b7ccc8f3f1e549c0f145.jpg
सत्येन्द्र प्रताप सिंह
https://cdn1.img.sputniknews.in/img/07e6/0c/13/137983_0:0:390:391_100x100_80_0_0_d7f05508f508b7ccc8f3f1e549c0f145.jpg
खबरें
hi_IN
Sputnik भारत
feedback.hindi@sputniknews.com
+74956456601
MIA „Rossiya Segodnya“
https://cdn1.img.sputniknews.in/img/07e9/05/02/9057657_180:0:1100:690_1920x0_80_0_0_1bb0ba961fc8e48d8f9919838a500070.jpgSputnik भारत
feedback.hindi@sputniknews.com
+74956456601
MIA „Rossiya Segodnya“
सत्येन्द्र प्रताप सिंह
https://cdn1.img.sputniknews.in/img/07e6/0c/13/137983_0:0:390:391_100x100_80_0_0_d7f05508f508b7ccc8f3f1e549c0f145.jpg
waves 2025, waves 2025 में जयशंकर, जयशंकर का बयान, उपनिवेशवाद की आलोचना, बड़ी शक्तियों के प्रभुत्व की आलोचना, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का प्रभाव, बौद्धिक संपदा से जुड़ी चिंता, ai का प्रभाव, प्रौद्योगिकी का उपयोग, ai का उपयोग, ai का दुरूपयोग, ai से खतरा, प्रौद्योगिकी का दुरूपयोग, प्रौद्योगिकी से खतरा, विश्व दृश्य-श्रव्य एवं मनोरंजन शिखर सम्मेलन, वेव्स 2025
waves 2025, waves 2025 में जयशंकर, जयशंकर का बयान, उपनिवेशवाद की आलोचना, बड़ी शक्तियों के प्रभुत्व की आलोचना, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का प्रभाव, बौद्धिक संपदा से जुड़ी चिंता, ai का प्रभाव, प्रौद्योगिकी का उपयोग, ai का उपयोग, ai का दुरूपयोग, ai से खतरा, प्रौद्योगिकी का दुरूपयोग, प्रौद्योगिकी से खतरा, विश्व दृश्य-श्रव्य एवं मनोरंजन शिखर सम्मेलन, वेव्स 2025
जयशंकर ने WAVES 2025 में उपनिवेशवाद और बड़ी शक्तियों के प्रभुत्व की आलोचना की
12:36 02.05.2025 (अपडेटेड: 13:49 02.05.2025) आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI) के बढ़ते प्रभाव के संबंध में भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने प्रामाणिकता के मुद्दों से लेकर बौद्धिक संपदा से जुड़ी चिंताओं तक उभरती चुनौतियों पर प्रकाश डाला।
भारतीय विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने गुरुवार को अधिक समतापूर्ण वैश्विक भविष्य बनाने के लिए सांस्कृतिक परंपराओं को बढ़ावा देने और प्रौद्योगिकी का जिम्मेदारी से उपयोग करने के महत्व पर जोर दिया।
विश्व दृश्य-श्रव्य एवं मनोरंजन शिखर सम्मेलन (WAVES) 2025 के दूसरे दिन अपने संबोधन के दौरान उन्होंने कहा कि यद्यपि बहुलवाद विश्व में अंतर्निहित है, लेकिन ऐतिहासिक रूप से इसे उपनिवेशवाद और शक्तिशाली राष्ट्रों के प्रभुत्व द्वारा दबा दिया गया है।
जयशंकर ने कहा, "विश्व आंतरिक रूप से और अनिवार्य रूप से विविधतापूर्ण है और अतीत में उपनिवेशवाद और बड़ी शक्तियों के प्रभुत्व द्वारा बहुलवाद को दबा दिया गया है।"
उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि एक अधिक
न्यायपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय प्रणाली की स्थापना के लिए "हमारी परंपराओं, विरासत, विचारों और रचनात्मकता को आवाज प्रदान करना" आवश्यक होगा।
जयशंकर ने अपनी बात में जोड़ते हुए कहा कि चल रहे वैश्विक परिवर्तन का एक "मजबूत सांस्कृतिक आयाम" है और उन्होंने विविध दृष्टिकोणों को बढ़ाने के लिए नवाचार और प्रौद्योगिकी के उपयोग की वकालत की।
उन्होंने कहा, "यह कार्य प्रौद्योगिकी की शक्ति का अधिक प्रभावी ढंग से उपयोग करके किया जा सकता है। नवाचार ही उस छलांग की कुंजी है जो 2047 तक विकसित भारत का निर्माण करेगी।"