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विशेषज्ञ से जानें क्या है राष्ट्रपति पुतिन और ट्रम्प की बातचीत के मायने?
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रूसी राष्ट्रपति पुतिन और उनके समकक्ष डोनाल्ड ट्रम्प के बीच टेलीफोन पर 2 घंटे से अधिक लंबी चली बातचीत के बाद रूसी राष्ट्रपति ने बातचीत को सार्थक, स्पष्ट और बहुत उपयोगी वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति ने इस बातचीत को बहुत अच्छा बताया।
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अमेरिकी राष्ट्रपति ने सोमवार को कॉल के बारे में बताया कि रूस और यूक्रेन तत्काल युद्ध विराम के लिए बातचीत शुरू करेंगे और इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि युद्ध को समाप्त करेंगे। वहीं रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति से सहमति जताते हुए कहा कि रूस संभावित भविष्य के शांति समझौते के संदर्भ में ज्ञापन तैयार करने के लिए यूक्रेनी पक्ष के साथ बातचीत करने के लिए तैयार है।क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और उनके अमेरिकी समकक्ष डोनाल्ड ट्रम्प के बीच हुई बातचीत पर कहा कि अमेरिका यूक्रेनी समझौते पर मध्यस्थता से पीछे नहीं हट रहा है।पश्चिम युद्ध की यथास्थिति पर अड़ा हुआ है, राष्ट्रपति ट्रम्प और पुतिन के बीच एक फोन कॉल ने कूटनीति का मार्ग खोल दिया है। दोनों विश्व स्तरीय नेताओं के बीच हुई इस बातचीत के बारे में Sputnik इंडिया ने जेएनयू के रूसी और मध्य एशियाई अध्ययन केंद्र की सेवानिवृत्त प्रोफेसर डॉ. अनुराधा चेनॉय से अधिक जानने का प्रयास किया।राष्ट्रपति पुतिन और ट्रम्प के बीच हुई इस कॉल के शांति प्रक्रिया पर पड़ने वाले दीर्घकालिक प्रभाव के बारे में पूछे जाने पर डॉ.अनुराधा चेनॉय कहती हैं कि दोनों के बीच यह फ़ोन कॉल संकेत देता है कि शांति प्रक्रिया चल रही है,और बातचीत के माध्यम से शांतिपूर्ण समाधान संभव है। यह यूरोपीय नेताओं और ज़ेलेंस्की की ओर से राष्ट्रपति ट्रम्प पर दबाव के बावजूद है, जो युद्ध जारी रखना चाहते हैं और युद्ध-पूर्व की स्थिति को बनाए रखना चाहते हैं।रूसी और मध्य एशियाई की विशेषज्ञ डॉ. अनुराधा कहती हैं कि इन परिस्थितियों में युद्ध विराम स्वीकार करने का अर्थ है कि रूस कूटनीतिक समाधान के पक्ष में सैन्य जीत को त्यागने को तैयार है। युद्ध विराम एक अस्थायी विराम नहीं होना चाहिए जिसके बाद दोनों पक्षों के पुनः मजबूत होने पर फिर से लड़ाई शुरू हो जाए।सीएनएन ने आज बताया कि दोनों राष्ट्रपति बिना किसी तीसरे पक्ष की भागीदारी के तनाव कम करने की अपनी क्षमता में आश्वस्त थे। यूक्रेन और उसके यूरोपीय समर्थकों के लिए ट्रम्प की योजनाओं को पटरी से उतरने के बारे में वह कहती हैं कि राष्ट्रपति ट्रम्प स्थायी शांति प्राप्त करने के लिए रूस की स्थिति को समझते हैं और रूस द्वारा किए जाने वाले समझौतों को पहचानते हैं।डॉ. चेनॉय ने दोनों नेताओं के मध्य हुई बातचीत अमेरिका-रूस संबंधों में एक नई गति के संकेत पर कहा कि यह बातचीत कई कारणों से अमेरिका-रूस संबंधों में एक नई गति का संकेत देती है क्योंकि दोनों राष्ट्रपति समान स्तर पर बातचीत कर रहे हैं। वे सभी मुद्दों पर समग्र रूप से चर्चा करने के लिए तैयार हैं।
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रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प, पुतिन और ट्रम्प की बातचीत, पुतिन और ट्रम्प की बातचीत 2 घंटे से अधिक लंबी, रूसी राष्ट्रपति ने बातचीत को सार्थक कहा,अमेरिकी राष्ट्रपति ने बातचीत को बहुत अच्छा, russian president vladimir putin, us president donald trump, putin and trump's conversation, putin and trump's conversation lasted more than 2 hours, russian president called the conversation fruitful, us president called the conversation very good
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प, पुतिन और ट्रम्प की बातचीत, पुतिन और ट्रम्प की बातचीत 2 घंटे से अधिक लंबी, रूसी राष्ट्रपति ने बातचीत को सार्थक कहा,अमेरिकी राष्ट्रपति ने बातचीत को बहुत अच्छा, russian president vladimir putin, us president donald trump, putin and trump's conversation, putin and trump's conversation lasted more than 2 hours, russian president called the conversation fruitful, us president called the conversation very good
विशेषज्ञ से जानें क्या है राष्ट्रपति पुतिन और ट्रम्प की बातचीत के मायने?
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और उनके समकक्ष अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के बीच टेलीफोन पर 2 घंटे से अधिक लंबी चली बातचीत के बाद रूसी राष्ट्रपति ने बातचीत को सार्थक, स्पष्ट और बहुत उपयोगी वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति ने इस बातचीत को बहुत अच्छा बताया।
अमेरिकी राष्ट्रपति ने सोमवार को कॉल के बारे में बताया कि रूस और यूक्रेन तत्काल युद्ध विराम के लिए बातचीत शुरू करेंगे और इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि
युद्ध को समाप्त करेंगे।
वहीं रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति से सहमति जताते हुए कहा कि रूस संभावित भविष्य के शांति समझौते के संदर्भ में ज्ञापन तैयार करने के लिए
यूक्रेनी पक्ष के साथ बातचीत करने के लिए तैयार है।
क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और उनके अमेरिकी समकक्ष डोनाल्ड ट्रम्प के बीच हुई बातचीत पर कहा कि
अमेरिका यूक्रेनी समझौते पर मध्यस्थता से पीछे नहीं हट रहा है।
उन्होंने कहा, "निस्संदेह, बहुत प्रभावी मध्यस्थता सेवाएं प्रदान की गई है, संपर्क स्थापित किया गया है। और अब, वास्तव में, सीधा संपर्क किया जा रहा है। मास्को और कीव को शांति संधि और युद्ध विराम पर ज्ञापन का एक भी पाठ विकसित करने के लिए कठिन संपर्कों का सामना करना पड़ रहा है।"
पश्चिम युद्ध की यथास्थिति पर अड़ा हुआ है, राष्ट्रपति ट्रम्प और पुतिन के बीच एक फोन कॉल ने कूटनीति का मार्ग खोल दिया है। दोनों विश्व स्तरीय नेताओं के बीच हुई इस बातचीत के बारे में Sputnik इंडिया ने जेएनयू के रूसी और मध्य एशियाई अध्ययन केंद्र की सेवानिवृत्त प्रोफेसर डॉ. अनुराधा चेनॉय से अधिक जानने का प्रयास किया।
राष्ट्रपति पुतिन और ट्रम्प के बीच हुई इस कॉल के शांति प्रक्रिया पर पड़ने वाले दीर्घकालिक प्रभाव के बारे में पूछे जाने पर डॉ.अनुराधा चेनॉय कहती हैं कि दोनों के बीच यह फ़ोन कॉल संकेत देता है कि शांति प्रक्रिया चल रही है,और बातचीत के माध्यम से
शांतिपूर्ण समाधान संभव है। यह यूरोपीय नेताओं और ज़ेलेंस्की की ओर से राष्ट्रपति ट्रम्प पर दबाव के बावजूद है, जो युद्ध जारी रखना चाहते हैं और युद्ध-पूर्व की स्थिति को बनाए रखना चाहते हैं।
डॉ. चेनॉय ने कहा, "राष्ट्रपति ट्रम्प और पुतिन के मध्य फ़ोन पर हुई बातचीत ट्रम्प के पदभार संभालने के बाद से होंने वाली तीसरी बातचीत है जिसका अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने स्वागत किया है, जो यूरोप, रूस और यूक्रेन में शांति की वापसी की आशा करता है। यूक्रेन ज्ञापन के आधार पर युद्ध विराम के लिए राष्ट्रपति पुतिन का प्रस्ताव, कुछ शर्तों के साथ उचित लगता है क्योंकि ज़मीन पर उपलब्ध साक्ष्य बताते हैं कि रूस को युद्ध से लाभ हुआ है।
रूसी और मध्य एशियाई की विशेषज्ञ डॉ. अनुराधा कहती हैं कि इन परिस्थितियों में युद्ध विराम स्वीकार करने का अर्थ है कि
रूस कूटनीतिक समाधान के पक्ष में सैन्य जीत को त्यागने को तैयार है। युद्ध विराम एक अस्थायी विराम नहीं होना चाहिए जिसके बाद दोनों पक्षों के पुनः मजबूत होने पर फिर से लड़ाई शुरू हो जाए।
उन्होंने बताया, "युद्ध विराम की शर्तों की गारंटी संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा दी जानी चाहिए, जिसने राष्ट्रपति ट्रम्प के तहत मध्यस्थता की भूमिका निभाई है जो पिछले प्रशासनों के दृष्टिकोण से अलग है। पुतिन ट्रम्प के शब्दों पर भरोसा करते हैं, मुख्य रूप से तब जब यूरोपीय राष्ट्र ज़ेलेंस्की के दावों का समर्थन करना जारी रखते हैं, उन्हें रूस युद्ध के मूल कारणों में से एक मानता है।"
सीएनएन ने आज बताया कि दोनों राष्ट्रपति बिना किसी तीसरे पक्ष की भागीदारी के तनाव कम करने की अपनी क्षमता में आश्वस्त थे।
यूक्रेन और उसके यूरोपीय समर्थकों के लिए ट्रम्प की योजनाओं को पटरी से उतरने के बारे में वह कहती हैं कि राष्ट्रपति ट्रम्प स्थायी शांति प्राप्त करने के लिए रूस की स्थिति को समझते हैं और रूस द्वारा किए जाने वाले समझौतों को पहचानते हैं।
डॉ. अनुराधा चेनॉय ने कहा, "ट्रम्प जानते हैं कि रूस नाटो में यूक्रेन की सदस्यता स्वीकार नहीं कर सकता है, और क्रीमिया के साथ चार प्रांत अब रूसी संघ का अभिन्न अंग हैं। उनका दृष्टिकोण यूरोप में कई लोगों और अमेरिका में नव-रूढ़िवादी तत्वों के विपरीत रूसोफोबिया से प्रभावित नहीं है। हालांकि, ये शर्तें ज़ेलेंस्की और यूक्रेन के भीतर और बाहर उनके समर्थकों के लिए एक दुःस्वप्न हैं, जो शांति प्रक्रिया को विफल करने और युद्ध को लम्बा खींचने के लिए हर संभव प्रयास कर सकते हैं।"
डॉ. चेनॉय ने दोनों नेताओं के मध्य हुई बातचीत
अमेरिका-रूस संबंधों में एक नई गति के संकेत पर कहा कि यह बातचीत कई कारणों से अमेरिका-रूस संबंधों में एक नई गति का संकेत देती है क्योंकि दोनों राष्ट्रपति समान स्तर पर बातचीत कर रहे हैं। वे सभी मुद्दों पर समग्र रूप से चर्चा करने के लिए तैयार हैं।
अंत में उन्होंने बताया, "अमेरिकी राष्ट्रपति रूस की सुरक्षा चिंताओं को समझते हैं और बातचीत और समझौता करने के लिए तैयार हैं। वे यूरोप और वैश्विक स्तर पर अविभाज्य सुरक्षा के सिद्धांत पर रूस के जोर को स्वीकार करते हैं। राष्ट्रपति ट्रम्प वास्तव में रूस के साथ एक समझौते पर पहुंचने में रुचि रखते हैं, जिसके बारे में उनका मानना है कि इससे लोगों की जान बचेगी, अमेरिका के लिए सामग्री की लागत कम होगी और अंततः अमेरिकी व्यापार और आर्थिक हितों की पूर्ति होगी।"