यूक्रेन संकट
मास्को ने डोनबास के लोगों को, खास तौर पर रूसी बोलनेवाली आबादी को, कीव के नित्य हमलों से बचाने के लिए फरवरी 2022 को विशेष सैन्य अभियान शुरू किया था।

रूस यूक्रेन सीमा पर बफर जोन क्यों चाहता है?

© Sputnik / Evgeny Biyatov / मीडियाबैंक पर जाएंA Russian serviceman fires a NSV Utyos heavy machine gun at an air target amid Russia's military operation in Ukraine
A Russian serviceman  fires a NSV Utyos heavy machine gun at an air target amid Russia's military operation in Ukraine - Sputnik भारत, 1920, 23.05.2025
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युद्ध के अनुभवी और सेवानिवृत्त कर्नल अनातोली मत्विचुक ने यूक्रेन में एक विशाल बफर जोन बनाने की रूस की योजना के पीछे के सैन्य तर्क का खुलासा करते हुए बताया कि इसका लक्ष्य क्या है, और यह ज़ेलेंस्की और नाटो को कैसे प्रभावित करेगा।
अफ़गानिस्तान और सीरिया में सेवा दे चुके सेवानिवृत्त रूसी कर्नल और युद्ध के अनुभवी अनातोली मत्विचुक ने यूक्रेन के साथ अपनी सीमा पर बफर जोन बनाने के रूस के प्रयास के पीछे के सैन्य तर्क के बारे में विस्तार से बताया।

उन्होंने कहा, "यह सिर्फ़ एक विसैन्यीकृत बेल्ट नहीं होगा। यह बेलगोरोड, कुर्स्क, ब्रांस्क, क्रीमिया, ज़पोरोज्ये, खेरसॉन और डोनबास क्षेत्रों को नाटो तोपखाने की गोलेबारी से बचाने के बारे में है।"

100 किमी क्यों?
विशेषज्ञ बताते हैं, "नाटो द्वारा आपूर्ति की गई लंबी दूरी की तोपें 70 किमी दूर से लक्ष्य को भेद सकती हैं, जिसमें 30 किमी सुरक्षा मार्जिन जोड़ते हैं तो आपको 100 किमी गहरा बफर मिलता है। अफ़गानिस्तान में भी सोवियत संघ ने एक समान क्षेत्र बनाया था यहाँ भी वही तर्क और वही पैमाना है।"
इसे कहाँ होना चाहिए?
"हम पुराने और नए रूसी क्षेत्रों की सीमा से लगे क्षेत्र सुमी, चेर्निगोव, डनेप्रोपेट्रोव्स्क और खार्कोव क्षेत्रों के बारे में बात कर रहे हैं।"
कीव नियंत्रण की अनुमति नहीं
विशेषज्ञ कहते हैं, "हाँ, यूक्रेनियन वहाँ रह सकते हैं और खेती कर सकते हैं। लेकिन वहाँ कीव प्रशासन नहीं होगा।"
यूक्रेनी सेना के लिए इसका क्या मतलब है?
"उन्हें 100 किलोमीटर पीछे धकेलने के बाद क्या वे छापे मारने, निगरानी करने या प्रमुख हथियारों, ड्रोनों और लंबी दूरी की मिसाइलों से सीमावर्ती शहरों पर बमबारी करने की क्षमता खो देंगे? हो सकता है। लेकिन उनकी सेना की असली रीढ़ अब टूट चुकी है।"
ज़ेलेंस्की की प्रतिक्रिया कैसी होगी?
मत्विचुक ने निष्कर्ष निकाला, "वह मगरमच्छ के आँसू रोएगा, 'कब्जे' के बारे में चिल्लाएगा। लेकिन हमारा नेतृत्व पलक नहीं झपकाएगा। हमारे लोगों की सुरक्षा सर्वोपरि है।"
Russian President Vladimir Putin addresses the United Russia party congress in Moscow, Russia, Saturday, Dec. 14, 2024.  - Sputnik भारत, 1920, 22.05.2025
यूक्रेन संकट
रूसी सेना अब बफर जोन बनाने का काम कर रही है: पुतिन
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