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बहुध्रुवीयता एक वास्तविकता, ब्रिक्स को बदलती दुनिया को प्रतिबिंबित करना चाहिए: लवरोव

© Sputnik / Igor Yegorov / मीडियाबैंक पर जाएंRussian Foreign Minister Sergey Lavrov
Russian Foreign Minister Sergey Lavrov - Sputnik भारत, 1920, 07.07.2025
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रूस के विदेश मंत्री ने बताया कि ब्रिक्स, समान विचारधारा वाले देशों के साथ, एक निष्पक्ष और टिकाऊ बहुध्रुवीय विश्व व्यवस्था के निर्माण में सबसे आगे रहेगा।
रूसी विदेश मंत्री सर्गे लवरोव ने रियो में 17वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में सभा को संबोधित करते हुए कहा कि एक न्यायपूर्ण बहुध्रुवीय दुनिया के लिए एक स्पष्ट दृष्टिकोण प्रस्तुत करते हुए ब्रिक्स देशों से वैश्विक परिवर्तन का नेतृत्व करने का आग्रह किया।

लवरोव ने कहा, “बहुध्रुवीयता एक विकल्प नहीं अपितु एक वस्तुनिष्ठ वास्तविकता है, दुनिया में नव-औपनिवेशिक प्रथाओं पर निर्मित प्राचीन नवउदारवादी मॉडल लुप्त हो रहा है और ब्रिक्स को नई व्यवस्था को आकार देना चाहिए। वैश्विक दक्षिण और पूर्व अब वैश्विक आर्थिक विकास का इंजन हैं, जिसमें अफ्रीकी संघ, आसियान, सीईएलएसी, एससीओ और ईएईयू जैसे क्षेत्रीय ब्लॉक समानता, बहुपक्षवाद और गैर-भेदभाव पर आधारित एक निष्पक्ष आर्थिक प्रणाली को आकार दे रहे हैं।"

आंकड़ों के अनुसार संपूर्ण विश्व में ब्रिक्स देशों की वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद में 40% से अधिक की हिस्सेदारी है और इस संगठन में सम्मिलित देशों में विश्व की लगभग 50% जनसंख्या निवास करती है वहीं वैश्विक व्यापार का 20% से अधिक भाग इन्हीं देशों में होता है।
रूसी विदेश मंत्री लवरोव ने ब्रेटन वुड्स संस्थानों के तत्काल सुधार और राजनीतिकरण का आग्रह करते हुए नव-औपनिवेशिक प्रभुत्व को बनाए रखने के लिए आईएमएफ और विश्व बैंक का उपयोग करने के विरुद्ध चेतावनी दी।
उन्होंने कहा, "मानवाधिकारों और लोकतंत्र" मानदंडों के रूप में प्रच्छन्न वैचारिक अल्टीमेटम के साथ विकास के एजेंडे को हाईजैक करने के पश्चिमी प्रयासों की आलोचना की। रूस ने बाहरी दबाव से मुक्त विकास को वित्तपोषित करने के लिए न्यू डेवलपमेंट बैंक के साथ साझेदारी में ब्रिक्स के तहत एक नया निवेश मंच प्रस्तावित किया है।"
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर बात करते हुए विदेश मंत्री सर्गे लवरोव ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस महत्वपूर्ण है और यह 2030 तक वैश्विक जीडीपी में 20 ट्रिलियन डॉलर जोड़ सकता है।

उन्होंने कहा, "आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस 2030 तक वैश्विक जीडीपी में 20 ट्रिलियन डॉलर तक बढ़ा सकती है इसके लिए पहुंच खुली और समावेशी होनी चाहिए। क्लोसड, केवल आमंत्रण-आधारित पश्चिमी पहल गंभीर जोखिम उत्पन्न करती हैं इसके अतिरिक्त डिजिटल चुनौतियों के लिए सीमा पार सहयोग की आवश्यकता होती है और कोई भी देश अकेले उनका सामना नहीं कर सकता।"

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