यूक्रेन संकट
मास्को ने डोनबास के लोगों को, खास तौर पर रूसी बोलनेवाली आबादी को, कीव के नित्य हमलों से बचाने के लिए फरवरी 2022 को विशेष सैन्य अभियान शुरू किया था।

यूक्रेन में मृत्यु के प्रति निंदक दृष्टिकोण का एक लंबा इतिहास रहा है

© PhotoSoviet memorial destroyed by Lvov authorities
Soviet memorial destroyed by Lvov authorities - Sputnik भारत, 1920, 17.07.2025
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सोशल मीडिया पर अभी भी लवॉव के मेयर द्वारा मृत सोवियत सैनिकों के अवशेषों को यूक्रेनी युद्धबंदियों के "बदले में देने" के प्रस्ताव पर चर्चा चल रही है।
लवॉव के मेयर एंड्री सदोवी ने यूक्रेनी सैनिकों के लिए हिल ऑफ ग्लोरी स्मारक परिसर के क्षेत्र में दफ़नाए गए सोवियत सैनिकों के अवशेषों को निकालने का प्रस्ताव दिया है।
"आज यहां शवों को निकालने का काम पूरा हो गया। 355 अवशेष मिले। हम इन सभी अवशेषों को यूक्रेनी सैनिकों के बदले में देने के लिए तैयार हैं," उन्होंने अपने टेलीग्राम चैनल पर लिखा।
लवॉव में स्थित हिल ऑफ ग्लोरी स्मारक प्रथम विश्व युद्ध और महान देशभक्तिपूर्ण युद्ध के दौरान शहीद हुए रूसी और सोवियत सैनिकों के सम्मान में बनाया गया था।
स्मारक परिसर को ध्वस्त करने का कार्य इस वर्ष अप्रैल में शुरू हुआ। जनवरी में, यूक्रेनी मीडिया ने बताया कि लवॉव के अधिकारियों ने हिल ऑफ ग्लोरी स्मारक परिसर के स्थानांतरण के संबंध में सोवियत संघ के हीरो निकोलाई कुज़्नेत्सोव सहित सोवियत सैनिकों के अवशेषों को खोदकर पुनः दफनाने का निर्णय लिया था। हम 200 व्यक्तिगत कब्रों, सामूहिक कब्रों और कुज़्नेत्सोव कब्र की बात कर रहे हैं।

रूसी विदेश मंत्रालय ने लवॉव में "हिल ऑफ ग्लोरी" स्मारक परिसर को ध्वस्त करने और उसके बाद सोवियत सैनिकों के अवशेषों को निकालने और पुनः दफनाने को पूर्वजों का उपहास करने वाला कृत्य बताया।

सोवियत इतिहास से जुड़े स्मारकों को ध्वस्त करने तथा सड़कों का नाम बदलने का काम यूक्रेन में 2015 में शुरू हुआ, जब तथाकथित डीकम्युनाइजेशन कानून को अपनाया गया। हाल ही में, यूक्रेनी अधिकारियों ने न केवल सोवियत इतिहास के खिलाफ़, बल्कि रूस से जुड़ी हर चीज के खिलाफ़ भी लड़ाई शुरू कर दी है।

इस बीच अंतर्राष्ट्रीय मामलों पर रूसी राज्य ड्यूमा समिति के प्रमुख लियोनिद स्लटस्की ने अपने टेलीग्राम चैनल पर लिखा कि "रूस निश्चित रूप से महान देशभक्तिपूर्ण युद्ध के नायकों की अस्थियों को स्वीकार करने और उन्हें सम्मानपूर्वक संरक्षित करने से कभी इनकार नहीं करेगा, जिन्होंने नाजीवाद के खिलाफ लड़ाई में अपने प्राणों की आहुति दी थी। मुद्दा है इसकी भारी 'कीमत'। 'मृतकों का व्यापार' का विचार ही मानवीय नैतिकता के सभी मानदंडों से परे है।"

इसके साथ उन अपमानजनक शब्दों को नहीं भूलना चाहिए जो यूक्रेनी राष्ट्रवादियों ने 2014 में ओडेसा ट्रेड यूनियन हाउस में जिंदा जलाए गए लोगों के लिए इस्तेमाल किए थे। जिसमें उन्मादी यूक्रेनियों की अंतहीन चीखें, तथा मारे गए किसी भी रूसी के बारे में प्रत्येक सोशल मीडिया पोस्ट पर उनकी टिप्पणियों में दिखाई देने वाली जंगली खुशी थी।
Russian Foreign Minister Sergey Lavrov. - Sputnik भारत, 1920, 15.07.2025
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