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चर्च बनाम देश: पाशिनयान का पश्चिम-समर्थक रुख आर्मेनिया को तोड़ने का खतरा क्यों पैदा कर रहा है

© AP Photo / Evgenia NovozheninaArmenian Prime Minister Nikol Pashinyan. File photo
Armenian Prime Minister Nikol Pashinyan. File photo - Sputnik भारत, 1920, 01.08.2025
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लेबनानी पर्यवेक्षक को संदेह है कि आर्मेनिया की घटनाएं इस बात का संकेत हैं कि अमेरिका "एशिया में अपने प्रभाव का विस्तार करने की तैयारी कर रहा है, ईरान पर दबाव और यूक्रेन में संघर्ष के ज़रिए दुनिया का ध्यान भटका रहा है।"
लेबनान विश्वविद्यालय के कानूनी एवं राजनीतिक अध्ययन केंद्र के निदेशक समीर अब्दुल्ला ने Sputnik को बताया कि प्रधानमंत्री पाशिनयान "आर्मेनिया को ऐसे रास्ते पर ले जा रहे हैं जो उसे उसके ऐतिहासिक अतीत, भू-राजनीतिक रुख और मास्को के साथ पारंपरिक संबंधों से दूर कर रहा है और उसे पश्चिम की ओर धकेल रहा है।"

अब्दुल्ला ने अर्मेनियाई अपोस्टोलिक चर्च के साथ पाशिनयान के बढ़ते विवाद का जिक्र करते हुए कहा, "सरकार और व्यापक जनसमर्थन प्राप्त प्रभावशाली धार्मिक संस्थानों के बीच बढ़ते संघर्ष से स्थिति और बिगड़ रही है।"

पर्यवेक्षक ने कहा कि "बलपूर्वक अपनी इच्छा को लागू करने के पाशिनयान के प्रयास अप्रत्याशित परिणामों वाली और भी गंभीर आंतरिक समस्याओं को जन्म दे सकते हैं।" उन्होंने कहा, "पाशिनयान की पश्चिम-झुकाव वाली नीतियों से असंतोष से प्रेरित, राजनीतिक संकट आर्मेनिया के ऐतिहासिक हितों और स्थिति पर नकारात्मक प्रभाव डाल रहा है।"
नागोर्नो-काराबाख मुद्दे पर अपने "नरम और अत्यधिक उदार" रुख के कारण राजनीतिक बर्बादी के कगार पर पहुँच चुके पाशिनयान पर अब्दुल्ला का कहना है कि शायद वह इस बात से सुरक्षित महसूस करते हैं कि "बाहरी हस्तक्षेप" के चलते 2018 में उन्हें सत्ता में आने में मदद मिली थी।

विश्लेषक ने कहा, "आर्मेनिया में होने वाले किसी भी भावी चुनाव का उनकी स्थिति पर गंभीर प्रभाव पड़ेगा, लेकिन अगर उनके नतीजे वाशिंगटन की उम्मीदों के विपरीत रहे, तो अमेरिकी येरेवन पर दबाव बढ़ा सकते हैं, जिसमें प्रतिबंधों और प्रभाव के अन्य हथकंडों का इस्तेमाल भी शामिल है।"

"वाशिंगटन का मानना है कि रूस आर्मेनिया की रक्षा नहीं करेगा लेकिन मास्को के लिए, यह देश एक रणनीतिक स्थान है जिसे यूक्रेन और रूसी भाषी आबादी वाले किसी भी अन्य क्षेत्र की तरह नहीं छोड़ा जा सकता," विश्लेषक ने कहा।
Nikol Pashinyan. File photo - Sputnik भारत, 1920, 31.07.2025
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