रूस ने नेपाल में विरोध प्रदर्शन कम होने की उम्मीद जताई
© AP Photo / Niranjan ShresthaProtesters celebrate at the Singha Durbar, the seat of Nepal's government's various ministries and offices, after it was set on fire during a protest against social media ban and corruption in Kathmandu, Nepal, Tuesday, Sept. 9, 2025.

© AP Photo / Niranjan Shrestha
सब्सक्राइब करें
नेपाली सेना ने विरोध प्रदर्शनों के बाद देश की सुरक्षा का नियंत्रण अपने हाथ में ले लिया है और सामान्य कर्फ्यू को 10 सितंबर की शाम तक बढ़ा दिया है।
रूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया ज़खारोवा ने आशा व्यक्त की है कि नेपाल में अशांति कम हो जाएगी।
ज़खारोवा ने Sputnik को बताया, "फुटेज बहुत भयानक था। मुझे उम्मीद है कि यह स्थिति धीरे-धीरे शांत हो जाएगी।"
🚨🇳🇵🇷🇺 रूस ने नेपाल के विरोध प्रदर्शन पर तालमेल की अहम ज़रूरत को किया उजागर
— Sputnik हिंदी (@SputnikHindi) September 10, 2025
💬MFA प्रवक्ता मारिया ज़खारोवा ने कहा, "हमने प्रत्यक्ष रूप से देखा कि संकट कितनी तेजी से बढ़ रहा है।" pic.twitter.com/YWOkH66iQd
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि दक्षिण एशियाई देश के प्रशानिक अधिकारियों को लोगों के लाभ के लिए इस समस्या से निपटने के लिए नागरिक सामाजिक संस्थाओं के साथ मिलकर काम करना चाहिए।
ज़खारोवा ने कहा, "ताकि वे मिलीभगत में न हों, बल्कि तालमेल में हों, और सरकार की प्रत्येक शाखा अपना काम करे, जिससे राज्य और लोगों को लाभ हो।"
4 सितंबर को नेपाली अधिकारियों ने संचार मंत्रालय में पंजीकरण की समय सीमा चूकने पर प्रमुख सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म पर प्रतिबंध लगा दिया था। सोमवार को विरोध प्रदर्शनों के बाद प्रतिबंध हटा दिया गया।
मंगलवार को प्रदर्शनकारियों द्वारा राष्ट्रीय संसद पर धावा बोलने के बाद संकट और बढ़ गया, जिसके बाद पुलिस को प्रदर्शनकारियों पर पानी की बौछारें, आंसू गैस और गोलियां चलानी पड़ी। दर्जनों प्रदर्शनकारियों के मारे जाने और सैकड़ों अन्य के घायल होने की खबर है, जिसके बाद प्रधानमंत्री शर्मा ओली को इस्तीफ़ा देना पड़ा।