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भारत ने भूटान के साथ दो सीमापार संपर्क परियोजनाओं का किया अनावरण

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भूटान को भारत से जोड़ने के लिए भारत सरकार दो रेल लाइनों का निर्माण करेगी। सोमवार को रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव और विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने संयुक्त पत्रकार वार्ता में बताया कि इन दोनों ही रेल लाइनों का खर्च भारत सरकार उठाएगी।
पहली रेल लाइन असम के कोकराहाट से भूटान के सीमावर्ती गेलिफू शहर को जोड़ेगी। गेलिफू को भूटान 2023 में लिए गए निर्णय के अनुसार माइंडफुलनेस सिटी के तौर पर विकसित कर रहा है। यह रेल मार्ग 69 किलोमीटर लंबा होगा और इस पर 3456 करोड़ रुपए का खर्च आएगा।
दूसरा रेलमार्ग पश्चिम बंगाल के बनारहाट से भूटान के समत्से को जोड़ेगा। यह रेलमार्ग 20किमी लंबा होगा और इसपर 577 करोड़ रुपए की लागत आएगी। गेलिफू तक जाने वाले रेलमार्ग को पूरा होने में 4वर्ष और समत्से तक जाने वाले रेलमार्ग को पूरा होने में 3वर्ष का समय लगेगा।
रेलमंत्री ने कहा कि इस नए मार्ग के पूरा होने से भूटान को निर्यात और आवागमन के लिए सीधे भारतीय रेलवे के विशाल नेटवर्क से जुड़ने का लाभ मिलेगा।
इन दोनों ही रेलमार्गों के बारे में निर्णय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मार्च 2024 में भूटान यात्रा के दौरान लिया गया था और इन परियोजनाओं के दस्तावेज़ों पर औपचारिक हस्ताक्षर सोमवार को किए गए हैं।
भारत इससे पहले भी अपने पड़ोसियों को अपने नेटवर्क का प्रयोग करके व्यापार और आवागमन की सुविधा देता रहा है। बांग्लादेश और नेपाल लंबे अरसे से भारत के पोर्ट्स का प्रयोग अपने व्यापार के लिए करते है।
Tobolsk, Russia. Petrochemical Industrial Complex. Oil refinery building industry - Sputnik भारत, 1920, 29.09.2025
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