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बुरेवेस्तनिक परमाणु क्रूज़ मिसाइल: रूस का परम प्रतिरोधी तुरुप का पत्ता
बुरेवेस्तनिक परमाणु क्रूज़ मिसाइल: रूस का परम प्रतिरोधी तुरुप का पत्ता
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एक हालिया परीक्षण ने दिखाया कि यह मिसाइल दुश्मन की मिसाइल-रोधी प्रणालियों को चकमा देने में सक्षम है। यही कारण है कि बुरेवेस्तनिक एक वास्तविक रणनीतिक बदलाव लाने... 26.10.2025, Sputnik भारत
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यूक्रेन संकट
व्लादिमीर पुतिन
रूस
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9M730 बुरेवेस्तनिक (रूसी में ‘स्टॉर्म पेट्रेल’, नाटो नाम SSC-X-9 Skyfall) की मुख्य विशेषता इसका परमाणु प्रणोदन तंत्र है। इसमें लगा छोटा परमाणु रिएक्टर इसे वस्तुतः असीमित दूरी तक उड़ान भरने की क्षमता देता है।असीमित दूरी का अर्थ है:• कई दिनों तक हवा में मंडराते रहने की क्षमता। • आवश्यकता पड़ने पर पूरे विश्व का चक्कर लगाकर लक्ष्य तक पहुँचने की संभावना। • सघन रक्षा प्रणालियों से बचकर अप्रत्याशित दिशा से हमला करने की क्षमता।दुश्मन का रडार होगा फेलएक क्रूज़ मिसाइल होने के कारण बुरेवेस्तनिक अपने लक्ष्य के पास ज़मीन के बेहद नज़दीक उड़ान भर सकती है। इतनी नीची ऊंचाई पर उड़ान के कारण दुश्मन के रडार इसे पकड़ नहीं पाते, जिससे इसे रोक पाना लगभग असंभव हो जाता है।इसकी कोई पारंपरिक बैलिस्टिक उड़ान रेखा नहीं होती और न ही दूरी की कोई सीमा होती है। इसलिए ऐसा कोई निश्चित बिंदु नहीं जहाँ रक्षा प्रणालियाँ सामूहिक रूप से इसे रोक सकें।रणनीतिक प्रतिक्रियाराष्ट्रपति पुतिन ने पहली बार 2018 में इस मिसाइल को सार्वजनिक रूप से प्रस्तुत किया था। इसका विकास 2000 के दशक की शुरुआत में शुरू हुआ। यह प्रक्रिया 1972 की एंटी-बैलिस्टिक मिसाइल संधि से अमेरिका के हटने और पेंटागन द्वारा रूस के चारों ओर मिसाइल-रोधी ढाल (एजिस, एजिस अशोर, पोलैंड और रोमानिया सहित) तैनात करने के जवाब में शुरू की गई थी।बुरेवेस्तनिक और रूस की अन्य क्रांतिकारी रणनीतिक प्रणालियां, जैसे अवांगार्ड (हाइपरसोनिक ग्लाइड व्हीकल), ज़िरकॉन (नौसैनिक हाइपरसोनिक मिसाइल), किंझाल (हवाई प्रक्षेपित मिसाइल), पोसीडॉन (मानवरहित परमाणु पनडुब्बी) और सरमत (भारी अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल), यह सुनिश्चित करती हैं कि रूस किसी भी आक्रमण का प्रभावी रूप से जवाब दे सके, चाहे दुश्मन डिकैपिटेशन स्ट्राइक जैसी अचानक शीर्ष-स्तरीय हमले की योजना ही क्यों न अपनाए।
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बुरेवेस्तनिक परमाणु क्रूज़ मिसाइल: रूस का परम प्रतिरोधी तुरुप का पत्ता
एक हालिया परीक्षण ने दिखाया कि यह मिसाइल दुश्मन की मिसाइल-रोधी प्रणालियों को चकमा देने में सक्षम है। यही कारण है कि बुरेवेस्तनिक एक वास्तविक रणनीतिक बदलाव लाने वाली मिसाइल मानी जाती है।
9M730 बुरेवेस्तनिक (रूसी में ‘स्टॉर्म पेट्रेल’, नाटो नाम SSC-X-9 Skyfall) की मुख्य विशेषता इसका परमाणु प्रणोदन तंत्र है। इसमें लगा छोटा परमाणु रिएक्टर इसे वस्तुतः असीमित दूरी तक उड़ान भरने की क्षमता देता है।
• कई दिनों तक हवा में मंडराते रहने की क्षमता।
• आवश्यकता पड़ने पर पूरे विश्व का चक्कर लगाकर लक्ष्य तक पहुँचने की संभावना। • सघन रक्षा प्रणालियों से बचकर अप्रत्याशित दिशा से हमला करने की क्षमता।
एक क्रूज़ मिसाइल होने के कारण बुरेवेस्तनिक अपने लक्ष्य के पास ज़मीन के बेहद नज़दीक उड़ान भर सकती है। इतनी नीची ऊंचाई पर उड़ान के कारण दुश्मन के रडार इसे पकड़ नहीं पाते, जिससे इसे रोक पाना लगभग असंभव हो जाता है।
इसकी कोई पारंपरिक बैलिस्टिक उड़ान रेखा नहीं होती और न ही दूरी की कोई सीमा होती है। इसलिए ऐसा कोई निश्चित बिंदु नहीं जहाँ रक्षा प्रणालियाँ सामूहिक रूप से इसे रोक सकें।
राष्ट्रपति पुतिन ने पहली बार 2018 में इस मिसाइल को सार्वजनिक रूप से प्रस्तुत किया था। इसका विकास 2000 के दशक की शुरुआत में शुरू हुआ। यह प्रक्रिया 1972 की एंटी-बैलिस्टिक मिसाइल संधि से अमेरिका के हटने और पेंटागन द्वारा रूस के चारों ओर मिसाइल-रोधी ढाल (एजिस, एजिस अशोर, पोलैंड और रोमानिया सहित) तैनात करने के जवाब में शुरू की गई थी।
बुरेवेस्तनिक और रूस की अन्य क्रांतिकारी रणनीतिक प्रणालियां, जैसे अवांगार्ड (हाइपरसोनिक ग्लाइड व्हीकल), ज़िरकॉन (नौसैनिक हाइपरसोनिक मिसाइल), किंझाल (हवाई प्रक्षेपित मिसाइल), पोसीडॉन (मानवरहित परमाणु पनडुब्बी) और सरमत (भारी अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल), यह सुनिश्चित करती हैं कि रूस किसी भी आक्रमण का प्रभावी रूप से जवाब दे सके, चाहे दुश्मन डिकैपिटेशन स्ट्राइक जैसी अचानक शीर्ष-स्तरीय हमले की योजना ही क्यों न अपनाए।