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बर्फीले पहाड़, खराब मौसम में काम आएगी भारतीय सेना की मोनो रेल
बर्फीले पहाड़, खराब मौसम में काम आएगी भारतीय सेना की मोनो रेल
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अपनी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए स्वयं समाधान ढूंढ़ने की भारतीय सेना की कोशिश अब 16000 फीट की बर्फीली ऊंचाई पर जवानों की सहायता करेगी। भारतीय सेना के अनुसार... 14.11.2025, Sputnik भारत
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इस क्षेत्र में बेहद मुश्किल पहाड़ी चढ़ाई, बदलते मौसम और अत्यधिक ऊंचाई के कारण अक्सर रसद पहुंचाने के रास्ते कई-कई दिन के लिए बंद हो जाते हैं। इस मोनो रेल को भारतीय सेना ने ही डिज़ाइन किया है और बनाया है। रसद आदि पहुंचाने के अतिरिक्त इस मोनो रेल का प्रयोग गंभीर रूप से बीमार या घायल सैनिकों को तुरंत अस्पताल तक पहुंचाने के लिए भी किया जा सकता है। ऐसी कठिन परिस्थितियों में, अस्पतालों तक पहुंचने के लिए अक्सर हेलीकॉप्टर ही एकमात्र साधन होते हैं, और खराब मौसम में वे भी उड़ान नहीं भर सकते। हेलीकॉप्टर न होने पर अभी तक कंधों पर रखकर ही बीमार को ले जाया जा सकता था जो न केवल खतरनाक था बल्कि इसमें समय भी ज्यादा लगता था। अब मोनो रेल इस जीवनदायी उत्तरदायित्व को कम समय में आसानी से पूरा कर पाएगी।
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बर्फीले पहाड़, खराब मौसम में काम आएगी भारतीय सेना की मोनो रेल
अपनी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए स्वयं समाधान ढूंढ़ने की भारतीय सेना की कोशिश अब 16000 फीट की बर्फीली ऊंचाई पर जवानों की सहायता करेगी। भारतीय सेना के अनुसार अरुणाचल प्रदेश के कामेंग हिमालय श्रृंखला में भीषण सर्दी में बर्फ से ढकी पहाड़ियों में तैनात सैनिकों के लिए रसद, गोला-बारूद पहुंचाने के लिए अब मोनो रेल काम आएगी।
इस क्षेत्र में बेहद मुश्किल पहाड़ी चढ़ाई, बदलते मौसम और अत्यधिक ऊंचाई के कारण अक्सर रसद पहुंचाने के रास्ते कई-कई दिन के लिए बंद हो जाते हैं। इस मोनो रेल को भारतीय सेना ने ही डिज़ाइन किया है और बनाया है।
300 किग्रा तक भार ले जाने में सक्षम यह मोनो रेल उन सुदूर चौकियों के लिए जीवन रेखा सिद्ध हो रही है जहां खराब मौसम में कोई वैकल्पिक रास्ता नहीं होता है। इस मोनो रेल से सैनिक अभियानों के लिए आवश्यक साजो-सामान, गोला-बारूद, राशन, ईंधन, इंजीनियरिंग उपकरण ले जाना आसान हो गया है, जिन्हें इन जगहों तक पहुंचाना लगभग असंभव हो जाता था।
रसद आदि पहुंचाने के अतिरिक्त इस मोनो रेल का प्रयोग गंभीर रूप से बीमार या घायल सैनिकों को तुरंत अस्पताल तक पहुंचाने के लिए भी किया जा सकता है।
ऐसी कठिन परिस्थितियों में, अस्पतालों तक पहुंचने के लिए अक्सर हेलीकॉप्टर ही एकमात्र साधन होते हैं, और खराब मौसम में वे भी उड़ान नहीं भर सकते। हेलीकॉप्टर न होने पर अभी तक कंधों पर रखकर ही बीमार को ले जाया जा सकता था जो न केवल खतरनाक था बल्कि इसमें समय भी ज्यादा लगता था। अब मोनो रेल इस जीवनदायी उत्तरदायित्व को कम समय में आसानी से पूरा कर पाएगी।