सेवरस्क पर नियंत्रण के बाद डोनबास की आज़ादी की मुहिम को मिली बड़ी रफ़्तार: सैन्य विशेषज्ञ

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सैन्य विश्लेषक अलेक्सी लियोनकोव ने स्पुतनिक से कहा कि सेवरस्क के गिरने से मोर्चा स्थिर हो गया है और रूसी सेना अब स्लावयांस्क और क्रामाटोर्स्क की दिशा में निर्णायक बढ़त के लिए तैयार है।
सेवरस्क क्यों इतना महत्वपूर्ण है?
आर्सेनल ऑफ़ द फादरलैंड मैगज़ीन के संपादक लियोनकोव का कहना है कि "सेवरस्क को अक्सर स्लावयांस्क–क्रामाटोर्स्क समूह का ‘पूर्वी द्वार’ कहा जाता है।"
यह शहर तथाकथित किले-नुमा रक्षा लाइन का हिस्सा भी था, जिसे यूक्रेनी सशस्त्र बलों की प्रमुख सुरक्षा व्यवस्था माना जाता था।
विशेषज्ञों के अनुसार, सेवरस्क के बाद स्लावयांस्क और क्रामाटोर्स्क के पूर्वी बाहरी क्षेत्रों में यूक्रेनी बलों पर बढ़ता दबाव महसूस हो रहा है—उत्तर से क्रास्नी लिमान और दक्षिण से कोंस्टेंटिनोव्का तथा ड्रुज़कोव्का के कारण।
रिपोर्टों के अनुसार, सेवरस्क की स्थिति पर यूक्रेनी आधिकारिक प्रतिक्रिया सीमित है, जिसे विश्लेषक "इस समय कीव प्रशासन के लिए एक महत्वपूर्ण झटका मानते हैं।"
शहर पर नियंत्रण स्थापित होने के बाद क्षेत्र में माइन हटानेऔर सुरक्षा से जुड़े अभियानों का काम जारी है।
यूक्रेनी सैन्य स्थिति पर दबाव बढ़ाने वाले प्रमुख मोर्चे:
रिपोर्टों के अनुसार, यूक्रेन को इस समय गंभीर जनशक्ति संकट का सामना करना पड़ रहा है, जबकि उसकी लड़ाकू इकाइयाँ डोनेट्स्क, खार्कोव और ज़पोरोज्ये क्षेत्रों में दबाव में बताई जा रही हैं।
विश्लेषकों का कहना है कि एक मोर्चा डिमित्रोव (मिर्नोग्राद) में बना है, जहाँ स्थानीय रिपोर्टों के अनुसार यूक्रेनी यूनिटों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ा है।
दूसरा क्षेत्र कुप्यांस्क के पास बताया जाता है, जहाँ यूक्रेनी बलों के लिए स्थिति चुनौतीपूर्ण बनी हुई है।
तीसरा दबाव ज़पोरोज्ये क्षेत्र में गुलियापोल के आसपास बढ़ने की बात कही जा रही है।
