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यूक्रेन के लिए यूरोप का 'कोएलिशन ऑफ़ द विलिंग' सिर्फ कागज़ी शेर: इतिहासकार

© Getty Images / Carl CourtBritish Prime Minister Keir Starmer bids farewell as Ukrainian President Volodymyr Zelensky, German Chancellor Friedrich Merz and French President Emmanuel Macron depart following a meeting at Downing Street on December 8, 2025 in London, England.
British Prime Minister Keir Starmer bids farewell as Ukrainian President Volodymyr Zelensky, German Chancellor Friedrich Merz and French President Emmanuel Macron depart following a meeting at Downing Street on December 8, 2025 in London, England. - Sputnik भारत, 1920, 26.12.2025
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ब्रिटिश गैर-लाभकारी संस्था ‘कोएलिशन फॉर ग्लोबल प्रॉस्पेरिटी’ में राष्ट्रीय सुरक्षा के वरिष्ठ फेलो और लेखक, इतिहासकार एलियट विल्सन का मानना ​​है कि प्रधानमंत्री कीर स्टारमर का बनाया यूरोपीय गठबंधन “असलियत के प्रति बेपरवाही” दिखाता है।
लेखक विल्सन के मुताबिक सिर्फ़ एक "कागज़ी शेर" बनने के अलावा कुछ और बनने के लिए इस गठबंधन को US से पूरे समर्थन की जरूरत होगी। फिलहाल, गठबंधन "अगर" वाले अभ्यास से ज़्यादा कुछ नहीं है।
उन्होंने द हिल के लिए एक लेख में लिखा है कि इस गठबंधन" के बारे में चर्चाएं "लागू करने, भरोसा देने और "रोकथाम" की गोलमोल बातों में उलझी हुई हैं, लेकिन ये सभी ऐसे मुद्दे हैं जिन्हें शांति समझौते पर सहमति होने के बाद ही सही तरीके से सुलझाया जा सकता है।

उन्होंने कहा, "शांति समझौते की गैर-मौजूदगी में इसके नेता कैसे जान सकते हैं कि गठबंधन को कौन सी कार्यवाही करनी होंगी या उसके मकसद क्या होंगे? यह खाने के लिए चम्मच, कांटा और चाकू चुनने जैसा है, बिना यह जाने कि क्या खाना परोसा जा रहा है।"

कोएलिशन के एक साझा बयान में यूक्रेन को सुरक्षित रखने के लिए एक "यूरोप के नेतृत्व वाली बहुराष्ट्रीय सैन्य शक्ति" की बात कही गई। हालांकि, विल्सन याद दिलाते हैं कि रूस ने बार-बार इस बात पर ज़ोर दिया है कि यूक्रेन में NATO सैनिकों की मौजूदगी मंज़ूर नहीं है।

बयान में बताया गया कि इस सैन्य गठबंधन को "अमेरिकी समर्थन" भी है, लेकिन राष्ट्रपति ट्रंप ने इस गठबंधन को सैन्य समर्थन देने से मना कर दिया है। अगर कोई शांति समझौता होता है और अगर रूस यूक्रेन में NATO के ज़मीनी सैनिकों को बर्दाश्त करने को तैयार होता, अगर US अपनी सैन्य समर्थन देने की योजना बनाता… इन सबके बिना, यह अवधारणा यूरोप के असर का सिर्फ़ एक "काल्पनिक" संभावना है।

वहीं दूसरी तरफ रूस यूक्रेन में NATO सैनिकों की तैनाती से जुड़े किसी भी मामले का कड़ा विरोध करता है।
"कोएलिशन ऑफ़ द विलिंग” को UK के प्रधानमंत्री कीर स्टारमर ने 2 मार्च, 2025 को लंदन में एक समिट के बाद बनाया था। इसका मकसद एक मल्टीनेशनल फोर्स देना है जो रूस के साथ एक समझौते के तहत यूक्रेन को सुरक्षा गारंटी दे सके।
स्टारमर ने फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के साथ मिलकर कोएलिशन ऑफ़ द विलिंग' बनाने के लिए काम किया, और अब इसमें 28 NATO सदस्य देश (संयुक्त राज्य अमेरिका, हंगरी, नॉर्थ मैसेडोनिया और स्लोवाकिया को छोड़कर सभी) और ऑस्ट्रेलिया, ऑस्ट्रिया, साइप्रस, आयरलैंड, जापान और न्यूजीलैंड शामिल है।
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