बाढ़ से हुए नुकसान और विदेशी मुद्रा की कमी के कारण पाकिस्तान में आटे के संकट के समय उसको रूसी गेहूं की आपूर्ति मिली है।
पाकिस्तान के राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा और अनुसंधान मंत्रालय के एक बयान में कहा गया है कि सोमवार को लगभग 3 लाख टन गेहूं से भरे दो जहाज रूस से कराची के बंदरगाह कासिम में पहुंचे।
इसमें यह भी कहा गया है कि रूस से 4 लाख टन गेहूं की एक और आपूर्ति मार्च के अंत से पहले रूस से ग्वादर बंदरगाह में पहुंचने की उम्मीद है।
पाकिस्तान की आर्थिक समन्वय समिति ने नवंबर में सरकारों के बीच सौदे के अनुसार रूस के राज्य समर्थित संगठन प्रोदिंतोर्ग से गेहूं के आयात को मंजूरी दी थी। पाकिस्तान ने इसी तरह के सौदे के अनुसार जुलाई 2020 में पिछली बार रूस से गेहूं का आयात किया था।
सितंबर में पाकिस्तानी प्रधान मंत्री शहबाज शरीफ ने शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के दौरान रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की। एक आधिकारिक बयान के अनुसार खाद्य सुरक्षा दोनों नेताओं की चर्चा के प्रमुख विषयों में से एक थी।
पाकिस्तान में गेहूं की कमी
रूस से गेहूं का आयात करने का इस्लामाबाद का निर्णय पिछले साल पाकिस्तान में भयानक बाढ़ों के कारण किया गया है।
पाकिस्तान ने पिछले साल की शुरुआत में 2.7 करोड़ टन गेहूं उगाने का लक्ष्य रखा था, लेकिन स्वतंत्र अनुमानों के अनुसार बाढ़ों ने 80 लाख टन गेहूं को नुकसान पहुंचाया है।
हाल के हफ्तों में पाकिस्तानी मुख्य प्रांतों में आटे की कीमतों में वृद्धि हुई। इसके कारण घरेलू मुद्रास्फीति बढ़ गई, जो पिछले साल 23 प्रतिशत के स्तर पर पहुंची थी।
हालांकि, पाकिस्तान के राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा और अनुसंधान मंत्री तारिक बशीर चीमा ने पिछले सप्ताह देश में गेहूं की कमी के अनुमानों से इनकार किया।
संवाददाता सम्मेलन के दौरान उन्होंने कहा कि देश में गेहूं का रणनीतिक भंडार संतोषजनक स्तर पर रहा।
चीमा ने प्रांतों के सरकारों को देश में आटे की ऊंची कीमतों के लिए जिम्मेदार समझा। उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी कानून के तहत आवश्यक खाद्य उत्पादों की कीमतों को नियंत्रित करने की जिम्मेदारी केन्द्रीय सरकार की नहीं, प्रांतों की सरकारों की जिम्मेदारी ही है।