कश्मीर
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सेना ने जम्मू-कश्मीर के डिफेंस गार्ड्स को हथियार का प्रशिक्षण दिया

भारतीय गृह मंत्रालय ने पिछले साल जम्मू-कश्मीर में ग्राम रक्षा रक्षक (वीडीजी) योजना -2022 को मंजूरी दे दी थी, जिसे 15 अगस्त 2022 में लागू किया गया था। इस योजना के अंतर्गत वीडीजी में स्थानीय ग्रामीण स्वयंसेवक शामिल होते हैं।
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केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) जम्मू-कश्मीर के राजौरी में विलेज डिफेंस गार्ड्स (वीडीजी) को हथियारों का प्रशिक्षण दे रहा है, ताकि किसी भी आतंकी हमले की स्थिति से निपटने के लिए उन्हें तैयार किया जा सके।
विलेज डिफेंस गार्ड्स (वीडीजी) को पहले ग्राम रक्षा समितियों (वीडीसी) के रूप में जाना जाता था। वीडीसी को राइफलें प्रदान की गईं थीं जिसके बाद वीडीसी सदस्यों ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारतीय सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस की मदद की थी। एक बार फिर से इन रक्षा सदस्यों को सशक्त किया जा रहा है।
"हाल के हमलों के मद्देनजर हमें यहां तैनात किया गया है। उनके पास हथियार हैं और हम उन्हें आपातकालीन स्थितियों में कार्य करने के लिए प्रशिक्षण प्रदान कर रहे हैं," सीआरपीएफ इंस्पेक्टर वरिंदर कुमार ने बताया।
गौरतलब है कि यह प्रशिक्षण कार्यक्रम जम्मू-कश्मीर के राजौरी में हाल ही में हुए एक आतंकवादी हमले में सात नागरिकों के मारे मारे जाने के कुछ दिन बाद आया है।
दरअसल एक जनवरी को राजौरी के डांगरी गांव में आतंकवादियों ने फायरिंग की थी, जिसमें बच्चों समेत छह लोगों की मौत हो गई थी। अगले दिन इसी गांव में बम ब्लास्ट हुआ। इसमें भी कुछ ग्रामीणों की मौत हुई थी। इसके बाद सुरक्षाबलों ने पूरे इलाके में घेराबंदी कर दी और भारतीय सेना ने हमले में शामिल दो आतंकवादियों को मार गिराया था।
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