लद्दाख स्टैन्डॉर्फ
भारत और चीन की सेनाओं के बीच 2020 में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर बड़ी झड़पें हुईं। तभी से, दोनों पड़ोसियों के बीच संबंध तनावपूर्ण बने हुए हैं।

LAC पर हालात स्थिर लेकिन अप्रत्याशित है: भारतीय सेना प्रमुख

साल 2020 में भारत और चीन की सेना के बीच लद्दाख के गलवान में हुई हिंसक झड़प एक अप्रत्याशित घटना थी हालांकि दोनों देशों ने बातचीत के जरिए तनाव को कम करने का प्रयास किया।
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सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने गुरुवार को कहा कि चीन से लगी सीमा वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर स्थिति स्थिर है लेकिन यह अप्रत्याशित है।
"हम सात मुद्दों में से पांच को हल करने में सफल रहे हैं। हमने सैन्य और राजनयिक दोनों स्तरों पर बात करना जारी रखा हुआ है। हमारे पास किसी भी आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए पर्याप्त भंडार है," सेना प्रमुख ने कहा।
सेना दिवस के अवसर पर बोलते हुए पांडे ने कहा, "जहां तक जम्मू-कश्मीर की स्थिति का सवाल है, फरवरी 2021 में हुआ संघर्ष विराम अच्छी तरह से चल रहा है, लेकिन आतंकवाद और आतंकी ढांचे को सीमा पार से समर्थन अभी भी जारी है।"
यह सेना दिवस इसलिए भी खास है क्योंकि भारत आजादी का 75वां साल मना रहा है। पांडे ने कहा, पूर्वोत्तर के अधिकांश राज्यों में शांति है। आर्थिक गतिविधियों और विकास की पहल के सकारात्मक नतीजे मिले हैं।
इस दौरान उन्होंने बताया कि महिला अधिकारियों को भारतीय सेना की कोर ऑफ आर्टिलरी में कमीशन दिया जाएगा। प्रस्ताव सरकार के पास भेज दिया गया है और उम्मीद है कि इसे स्वीकार कर लिया जाएगा।
बता दें कि भारतीय सेना के अनुसार, साल 2022 के दिसंबर महीने में अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भारतीय और चीनी सैनिक के बीच झड़प में "दोनों पक्षों के कुछ कर्मियों को मामूली चोटें आईं थीं।
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