इरिट्रिया का दौरा करने के बाद सेर्गे लावरोव ने संवाददाताओं से कहा कि हम जानते हैं कि अमेरिकी, ब्रिटिश और अन्य यूरोपीय प्रतिनिधिमंडल नियमित तौर पर अफ्रीका की यात्रा करते हुए अफ्रीकी देशों से रूस के साथ सहयोग न करने और ऐसे सामान्य अनुशासन का सामना न करने की अपील करते हैं, जिसका अर्थ पश्चिम के अनुसार औपनिवेशिक निर्भरता की बहाली है, लेकिन यह बहाली नया रूप लेनेवाली है।
मंत्री ने ज़ोर देकर कहा कि अफ्रीका में आर्थिक विकास के लिए बहुत संभावनाएं हैं।
उन्होंने कहा, "प्राकृतिक संसाधनों के सन्दर्भ में भी सबसे समृद्ध महाद्वीप, जो सदियों तक शोषण का शिकार था। और पश्चिम आज भी अफ्रीका में अपनी शोषण की नीति को बनाए रखना चाहता है।"
रूसी विदेश मंत्री ने कहा कि पश्चिमी देशों द्वारा चलाए जा रहे हाइब्रिड युद्ध आर्थिक और राजनीतिक शक्ति के नए केंद्रों के विकास को नहीं रोक सकेंगे।
लावरोव ने कहा, "बहुध्रुवीय दुनिया का गठन सामान्य और बेरोक प्रक्रिया है। यूक्रेन में संकट सहित पश्चिम द्वारा शुरू किया गया कोई भी हाइब्रिड युद्ध आर्थिक शक्ति, वित्तीय और राजनितिक प्रभाव के नए केंद्रों का विकास नहीं रोक सकता।"
मंत्री ने कहा कि चीन और भारत जैसे देश अब बहुत क्षेत्रों में अमेरिका से आगे हैं।
लावरोव ने कहा, "तुर्की, मिस्र, खाड़ी देश, ब्राजील और लैटिन अमेरिका के दूसरे देश प्रभावशाली और स्वतंत्र केंद्रों के रूप में विकसित हो रहे हैं। ये सभी भविष्य में बहुध्रुवीयता के केंद्र बननेवाले हैं।"
इस हफ्ते लावरोव ने उप-सहारा अफ्रीका में अपने दौरे के हिस्से के रूप में दक्षिण अफ्रीका, इस्वातिनी और अंगोला का दौरा किया। इरीट्रिया मंत्री के दौरे की आखिरी मंजिल थी।