मस्जिद में विस्फोट सोमवार को स्थानीय समय के करीब 13.40 पर नमाज के दौरान हुआ था। गवाहों के अनुसार मस्जिद में 100 से ज्यादा लोग थे और उनमें अधिकांश लोग पुलिस, सेना और सैपरों के प्रतिनिधि थे। विस्फोट आत्मघाती हमलावर द्वारा किया गया था। नवीनतम आंकड़ों के अनुसार आतंकी हमले के नतीजे में 100 लोगों की मौत हुई और 220 से अधिक लोग घायल हो गए।
अंसारी ने संवाददाता सम्मेलन के दौरान कहा कि "अब सुरक्षा उल्लंघन की जांच की जा रही है। हम एक महीने की अवधि की सीसीटीवी फुटेज को देख रहे हैं और आतंकवादी के बिचौलियों की तलाश कर रहे हैं। अपराधियों की तलाश की जाएगी और उन पर आरोप लगाया जाएगा।"
उन्होंने कहा कि जांच दल में खुफिया, पुलिस और अन्य सुरक्षा सेवाओं के प्रतिनिधि शामिल होंगे।
इससे पहले पाकिस्तान के आंतरिक गृह मंत्री राणा सनाउल्लाह ने दावा किया था कि 100 मृत लोगों में 97 पुलिस अधिकारी थे। मंत्री ने यह भी कहा कि तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी)* का खुरासानी नामक एक पूर्व गुट ने इस स्थिति की जिम्मेदारी ली है।
तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान ने पिछले साल के नवंबर के अंत में वह घोषणा करके अपने लड़ाकों को देश भर में हमले करने का निर्देश दिया कि उसने सरकार के साथ हुए अनिश्चितकालीन युद्धविराम को खत्म किया था।
अमेरिका, यूके और कनाडा की सरकारों ने तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान को आतंकवादी समूह कहा। वह पाकिस्तान की सरकार का विरोध करते हुए इस देश के कई क्षेत्रों पर अपना प्रभाव डालने की कोशिश करता है। इस स्थिति में अफगानिस्तान में तालिबान** इस समूह से किसी भी संबंध से इन्कार करता है।
* रूस में प्रतिबंधित आतंकवादी समूह
** आतंकवादी गतिविधियों के कारण संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित