इन मुकदमों में हत्या के प्रयास का मामला, प्रतिबंधित फंडिंग, तोशाखाना मामले, और एक आतंकवाद विरोधी मामला शामिल हैं।
आइए एक नजर डालते हैं उन मुकदमों पर
हत्या के प्रयास का मामला
इमरान खान के खिलाफ जान से मारने का आरोप पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज़ पार्टी के एक मेंबर ने लगाया था। मुकदमकर्ता का आरोप था कि जब चुनाव आयोग के बाहर इमरान खान की पार्टी के लोग प्रदर्शन कर रहे थे, तो उसी दौरान उसे मारने की कोशिश की गई थी।
तोशाखाना केस
इमरान खान पर लगे तोशाखाना केस तोहफों से जुड़ा हुआ है। आरोप है कि जब इमरान खान पाकिस्तान के प्रधानमंत्री थे तो उन्हें बाहर से कई तोहफे मिले, लेकिन उन्होंने ये देश के खजाने में जमा करने के बजाय कुछ को बेच दिया।
हालांकि तोशखाना मामले में इस्लामाबाद हाई कोर्ट ने इमरान खान को अंतरिम जमानत दे दी है। इससे पहले इस्लामाबाद के सेशन कोर्ट के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश जफर इकबाल ने फैसला सुनाते हुए गैर-जमानती गिरफ्तारी वारंट जारी किया था। जिसके बाद उन्होंने हाई कोर्ट का रुख किया था।
प्रतिबंधित फंडिंग
इमरान खान पर निषिद्ध धन लेने का आरोप है। आज अदालत में इस केस की भी सुनवाई हुई हालांकि इस्लामाबाद की एक बैंकिंग अदालत ने सुरक्षा चिंताओं का हवाला देते हुए खान के खिलाफ सभी मामलों की कार्यवाही स्थगित कर दी।
आतंकवाद का मामला
इमरान खान पर आतंकवाद के भी आरोप लगे हैं। उनपर एक रैली के दौरान पुलिस, न्यायपालिका और अन्य संस्थानों के बारे में कथित रूप से बयान देने के सिलसिले में मुकदमा दर्ज किया गया था। इस बयान के बाद देश में काफी बवाल भी हुआ था। इस मामले को लेकर इमरान खान ने कोर्ट के सामने कहा था कि मैं निर्दोष हूं और मैं एक प्रमुख पार्टी का नेता हूं अत: मुझे जमानत दी जाए।