पिछले हफ्ते इस्लामाबाद की एक अदालत ने विदेशी नेताओं से उपहारों की बिक्री से जुड़े मामले को लेकर सुनवाइयों को नजरअंदाज करने के कारण पूर्व प्रधान मंत्री को गिरफ्तारी वारंट दे दी थी । खान इस मामले से संबंधित तीन अदालती सुनवाइयों में दिखाई नहीं दिए थे। कुछ दिनों पहले पाकिस्तानी पुलिस खान को गिरफ्तार करने के लिए उनके घर पर पहुंची, लेकिन पूर्व प्रधानमंत्री वहाँ से बच निकलने में सफल हो गए थे ।
सोमवार को गिरफ्तारी वारंट का विरोध किया गया, लेकिन अदालत ने इस पर ध्यान नहीं दिया।
पिछले अक्टूबर में पाकिस्तान के चुनाव आयोग ने खान से उनके संसदीय जनादेश को और पांच सालों के लिए देश की संघीय और क्षेत्रीय विधानसभाओं में चुने जाने के अधिकार को हटा दिया था।
आयोग ने यह निर्णय उस वजह से किया था कि चूंकि इमरान खान को तोशाखाना यानी पाकिस्तान के राज्य के खजाने से 52 क़ीमती चीजों को बेचने, और व्यक्तिगत रूप से प्राप्त उनके उपहारों के बारे में जानकारी न देने के लिए दोषी ठहराया गया था। इससे पहले वर्तमान प्रधान मंत्री शाहबाज शरीफ ने कहा था, कि खान ने दुबई में 14 करोड़ पाकिस्तानी रुपये (630 हजार डॉलर से अधिक) कीमत वाली राज्य के खजाने से कीमती चीजों को बेच डाला था।