लद्दाख स्टैन्डॉर्फ
भारत और चीन की सेनाओं के बीच 2020 में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर बड़ी झड़पें हुईं। तभी से, दोनों पड़ोसियों के बीच संबंध तनावपूर्ण बने हुए हैं।

लद्दाख में एलएसी पर चीन के साथ यथास्थिति बरकरार: भारतीय सेना कमांडर

भारतीय सेना और चाइनीज पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के बीच साल 2020 से ही पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर कई क्षेत्रों में गतिरोध चल रहा है।
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उत्तरी सेना के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने मंगलवार को कहा कि लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीन के साथ यथास्थिति बनी हुई है और विभिन्न स्तरों पर बातचीत चल रही है।

‘‘एलएसी पर चीन के साथ यथास्थिति बरकरार है। विभिन्न स्तरों पर बातचीत की जा रही है और हमारी सभी टुकड़ियां उच्च स्तर पर तैयार हैं,’’ लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी ने कहा।

साथ ही उन्होंने कहा जम्मू-कश्मीर में हालात नियंत्रण में है और वहां आतंकवादी घटनाओं पर पूरी तरह रोक लगाने की कोशिश की जा रही है।
‘‘सीमावर्ती क्षेत्र में हालात काबू में हैं। हमारा आतंकवाद रोधी तंत्र पूरी तरह नागरिक प्रशासन के साथ काम कर रहा है और आतंकवादी घटनाओं पर पूरी तरह रोक लगाने के प्रयास किए जा रहे हैं,’’ द्विवेदी ने कहा।
दरअसल उधमपुर स्थित उत्तरी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ (जीओसी) एक मेगा 'वेटरन्स संपर्क' रैली को संबोधित कर रहे थे, जिसमें यहां डिगियाना में जम्मू और कश्मीर राइफल्स की एक इकाई में 800 से अधिक पूर्व सैनिक और 'वीर नारियों' ने भाग लिया।
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