पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के प्रमुख इमरान खान ने अपने पड़ोसी देश भारत की विदेश नीति की तारीफ करते हुए कहा कि इसलामाबाद भी भारत की तरह रूसी कच्चा तेल सस्ती कीमतों पर लेना चाहता था, हालांकि देश यह नहीं कर पाया क्योंकि पाकिस्तान की सरकार अविश्वास प्रस्ताव में गिर गई थी।
"हम भारत की तरह ही सस्ता रूसी कच्चा तेल प्राप्त करना चाहते थे लेकिन ऐसा नहीं हो सका क्योंकि दुर्भाग्य से अविश्वास प्रस्ताव के कारण मेरी सरकार गिर गई," एक वीडियो संदेश के जरिए उन्होंने लोगों से कहा।
गौरतलब है कि खान ने रूसी तेल खरीदने के मामले में भारत की उपलब्धियों को स्वीकार किया है। भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल खपत करने वाला देश है। यह अपनी जरूरत का 85 फीसदी कच्चा तेल आयात करता है।
रूस का सैन्य अभियान यूक्रेन पर शुरू होने के बाद से पश्चिम और यूरोप ने रूस की ऊर्जा पर कड़े प्रतिबंध लगा दिए जिसके परिणामस्वरूप रूस ने भारत को तेल की खरीद में अधिक छूट की पेशकश की।
रूस का सैन्य अभियान यूक्रेन पर शुरू होने के बाद से पश्चिम और यूरोप ने रूस की ऊर्जा पर कड़े प्रतिबंध लगा दिए जिसके परिणामस्वरूप रूस ने भारत को तेल की खरीद में अधिक छूट की पेशकश की।
मीडिया के मुताबिक मास्को की शीर्ष तेल कंपनी रोसनेफ्ट ने भारत को पेट्रोलियम की आपूर्ति बढ़ाने के लिए इंडियन ऑयल कंपनी के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए।
हालांकि पाकिस्तान और रूस के बीच तेल के व्यापार के लिए पिछले साल से बातचीत चल रही है।
पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने बार-बार दावा किया था कि उनकी सरकार को स्वतंत्र विदेश नीति का पालन करने के कारण हटा दिया गया था जिसके अंतर्गत वह भारत की तरह देश को रूस से रियायती मूल्य पर तेल खरीदने की अनुमति देते।