पूर्व प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे की विदेश यात्रा पर लगी रोक को श्रीलंका की एक अदालत ने हटा लिया है, स्थानीय मीडिया ने बताया।
साथ ही सांसद रोहिता अबेगुणवर्धना, मंत्री पवित्रा वन्नियाराच्ची और पूर्व प्रांतीय परिषद सदस्य कंचना जयरत्ने के खिलाफ यात्रा प्रतिबंध को फोर्ट मजिस्ट्रेट की अदालत ने भी पूरी तरह से हटा दिया है।
दरअसल राष्ट्रपति के वकील शैवेंद्र फर्नांडो ने अदालत से पूर्व पीएम राजपक्षे और अन्य पर लगाए गए यात्रा प्रतिबंधों में ढील देने के लिए कहा, इस तथ्य का हवाला देते हुए कि उनमें से किसी को भी जांच में संदिग्ध के रूप में सूचीबद्ध नहीं किया गया था। इसके बाद मजिस्ट्रेट ने यात्रा प्रतिबंध हटाने का आदेश जारी किया है।
बता दें कि श्रीलंका के सुप्रीम कोर्ट ने पहले एक अंतरिम आदेश जारी किया था जिसके तहत राजपक्षे और अन्य को 11 अगस्त तक अदालत की अनुमति के बिना देश छोड़ने से रोक दिया गया था।
विचारणीय है कि पिछले साल श्रीलंका में आए गंभीर आर्थिक संकट के परिणामस्वरूप द्वीप देश में बड़े पैमाने पर सरकार विरोधी प्रदर्शन हुए, जहां सांसदों के घरों और कार्यालयों को आग लगा दी गई और बड़ी मात्रा में सार्वजनिक संपत्ति को भी नुकसान पहुंचाया गया था। बढ़ते विरोध प्रदर्शनों के कारण तत्कालीन प्रधान मंत्री महिंदा राजपक्षे को इस्तीफा देना पड़ा, और उनके भाई, राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे को इस्तीफा देकर देश छोड़ना पड़ा था।