भारत के पास अगले पांच-छह वर्षों में किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पर्याप्त विदेशी मुद्रा भंडार है और यह मुक्त व्यापार समझौते (FTA) अधिशेष उत्पन्न करने में मदद करेंगे, वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने बुधवार को कहा।
"तो हम वही अर्थव्यवस्था होंगे जो आने वाले वर्षों में अधिशेष की सूचना देगी। ये मुक्त व्यापार समझौते उस प्रक्रिया को गति ही देंगे जो हमें अधिशेष उत्पन्न करने में मदद प्रदान करेगी और एक मजबूत अर्थव्यवस्था बनाए रखने में हमारी पर्याप्त सहायता करेगी," भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) के वार्षिक सत्र को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा।
साथ ही साल 2030 तक वस्तुओं और सेवाओं के निर्यात से (मतलब इन दोनों में से प्रत्येक विषय से) एक ट्रिलियन डॉलर प्राप्त करने के लक्ष्य पर गोयल ने कहा, "हम इसे हासिल करने जा रहे हैं, मुझे इसमें कोई संदेह नहीं है। हमारी निर्यात टोकरी में वह सभी चीजें हैं जो दुनिया चाहती है।"
वस्तुतः माल और सेवाओं दोनों को मिलाकर भारत का कुल निर्यात वित्त वर्ष 2022-23 में 13.84% बढ़कर 770 अरब डॉलर हो गया, जबकि वित्त वर्ष 2021-22 में यह 676 बिलियन डॉलर था।