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भारत, रूस के मुक्त व्यापार समझौते पर बातचीत को बढ़ावा: जयशंकर और मंटुरोव की बैठक के मुख्य बयान

© @RusEmbIndiaRussian Deputy Prime Minister Denis Manturov meets External Affairs Minister S. Jaishankar
Russian Deputy Prime Minister Denis Manturov meets External Affairs Minister S. Jaishankar - Sputnik भारत, 1920, 17.04.2023
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रूस के उप प्रधान मंत्री डेनिस मंटुरोव 17 अप्रैल को दो दिवसीय कार्य यात्रा पर भारत पहुंचे और नई दिल्ली में भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर और भारतीय और रूसी व्यापार उद्योग के प्रतिनिधियों से बैठक की है।
यूरेशियाई आर्थिक आयोग भारत और यूरेशियन आर्थिक संघ के बीच मुक्त व्यापार समझौते पर बातचीत को बढ़ावा देने वाला है, रूस के उप प्रधान मंत्री डेनिस मंटुरोव ने एस. जयशंकर और भारतीय और रूसी व्यापार उद्योग के प्रतिनिधियों से बैठक के दौरान कहा।
इसके साथ उन्होंने कहा कि रूस में अब मित्र देशों के बाजार में प्रवेश करने की क्षमता है, और कि रूस खुद को बाहरी दुनिया से बंद करने वाला नहीं है, वह अपने भारतीय भागीदारों को रूसी बाजार में प्रवेश करने की पेशकश करना चाहता है।

इसके अलावा, उनके अनुसार, रुपया-रूबल व्यापार भारतीय-रूसी व्यापार और औद्योगिक सहयोग में सुधार ला सकता है। "अंतर-सरकारी संवाद के हिस्से के रूप में, हम [भारत और रूस की] राष्ट्रीय मुद्राओं और मित्र देशों की राष्ट्रीय मुद्राओं के व्यापक उपयोग की संभावना पर विचार करने का प्रस्ताव करते हैं। यह मौजूदा परिस्थितियों में समसामयिक है और लागत और मुद्रा जोखिम को कम करने देता है," उन्होंने जोर देकर कहा।

भारतीय-रूसी सहयोग पर एस. जयशंकर का विचार

भारतीय और रूसी व्यापार उद्योग के प्रतिनिधियों से बैठक के दौरान भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि भारत-रूस की साझेदारी दुनिया में सबसे स्थिर साझेदारियों में से एक है।
भारतीय विदेश मंत्री ने यह भी बताया कि भारत और रूस व्यापार और आर्थिक सहयोग को बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा कर रहे हैं, और कि अप्रैल 2022 और फरवरी 2023 के बीच द्विपक्षीय व्यापार लगभग 45 अरब डॉलर था और इसके बढ़ने की उम्मीद है।
Modi Putin Meet - Sputnik भारत, 1920, 01.04.2023
भारत-रूस संबंध
भारत और रूस 'प्रौद्योगिक गुटनिरपेक्ष आंदोलन' का नेतृत्व कर सकते हैं

भारतीय विदेश मंत्री ने कहा कि पिछले दशक के दौरान रूस और भारत के बहुत से क्षेत्रों में सहयोग के स्तर में वृद्धि हुई है, और इनमें ऊर्जा, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, अंतर्क्षेत्रीय सहयोग, रक्षा, परमाणु और अंतरिक्ष क्षेत्र शामिल हैं।

इसके साथ भारतीय विदेश मंत्री के अनुसार भारत रूस में ज्यादा माल का निर्यात कर सकता है।
उन्होंने कहा कि फार्मास्यूटिकल्स और जैविक रसायनों के पारंपरिक निर्यात के अलावा, इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों, चिकित्सा उपकरणों, कपड़े, घरेलू उपकरणों, खाद्य पदार्थ और कृषि उत्पादों वगैरह के क्षेत्र में भी सहयोग के अवसर हैं।
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