अधिकारियों के अनुसार दुखद ट्रेन दुर्घटना के पांच दिन बाद भी 101 शवों की पहचान की जानी बाकी है।
स्थानीय मीडिया से पूर्वी मध्य रेलवे के मंडल रेल प्रबंधक रिंकेश रॉय ने बताया कि ओडिशा के विभिन्न अस्पतालों में अभी भी लगभग 200 घायल लोगों का इलाज चल रहा है।
"दुर्घटना में लगभग 1,100 लोग घायल हुए, जिनमें से लगभग 900 लोगों को इलाज के बाद छुट्टी दे दी गई। राज्य के विभिन्न अस्पतालों में लगभग 200 लोगों का इलाज चल रहा है। दुर्घटना में मरने वाले 278 लोगों में से 101 शवों की अभी पहचान नहीं हो पाई है," रॉय ने कहा।
इस बीच भुवनेश्वर नगर निगम (BMC) के आयुक्त विजय अमृत कुलंगे ने स्थानीय मीडिया को बताया, "भुवनेश्वर में रखे गए कुल 193 शवों में से 80 शवों की पहचान कर ली गई है। 55 शव परिजनों को सौंप दिए गए हैं। बीएमसी के हेल्पलाइन नंबर 1929 पर 200 से ज्यादा कॉल आ चुकी हैं। शवों की शिनाख्त कर परिजनों को सौंपी जा रही है।"
बता दें कि यह दुर्घटना शुक्रवार को तब हुई जब शालीमार-चेन्नई कोरोमंडल एक्सप्रेस एक खड़ी मालगाड़ी से टकरा गई, जिससे कई डिब्बे बगल के ट्रैक पर पटरी से उतर गए। इसके बाद, यशवंतपुर से हावड़ा जा रही हावड़ा एक्सप्रेस, तेज गति से प्रभावित डिब्बों से टकरा गई, जिसके परिणामस्वरूप और डिब्बे पटरी से उतर गई। इस बीच भारत के सर्वाधिक दुखद ट्रेन हादसों में से एक से प्रभावित हुई रेल पटरियों पर सोमवार से फिर से ट्रेन यातायात बहाल कर दिया गया है।