सम्मेलन में भाग लेने के लिए बांग्लादेश का प्रतिनिधिमंडल शनिवार को नई दिल्ली पहुंच गया है। दोनों देशों के अधिकारी अगले चार दिन तक उत्तम सीमा प्रबंधन, सीमा अपराधों पर अंकुश लगाने और विश्वास निर्माण उपायों पर मंथन करेंगे। पिछला सम्मेलन बांग्लादेश की राजधानी ढाका में पिछले साल 17 से 22 जुलाई तक आयोजित किया गया था।
बीएसएफ के प्रवक्ता के अनुसार सम्मेलन में भारतीय दल का नेतृत्व बीएसएफ के महानिदेशक डॉ. सुजॉय लाल थाओसेन करेंगे। बीजीबी के महानिदेशक मेजर जनरल ए.के.एम. नजमुल हसन के नेतृत्व में बीजीबी का एक उच्चस्तरीय दल सम्मेलन में भाग लेगा। यह सम्मेलन हर साल सीमा संबंधी विषयों पर विचार विमर्श व परस्पर सहयोग बढ़ाने के उद्देश्य से आयोजित किया जाता है।
संयुक्त प्रयासों पर होगी गहन चर्चा
सम्मेलन में सीमा संबंधी अपराधों पर प्रभावी अंकुश के लिए दोनों ही बॉर्डर गार्डिंग एजेंसियों के संयुक्त प्रयासों व एक दूसरे को सही समय पर सूचनाओं के आदान-प्रदान पर मुख्यतः चर्चा की जाएगी। इसके साथ-साथ सीमा क्षेत्रों में आधारभूत ढांचे के विकास व समन्वित सीमा प्रबंधन योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के साझे प्रयासों पर भी चर्चा होगी। बैठक में बांग्लादेश से सोने व नशीली दवाओं की तस्करी व घुसपैठ रोकने के लिए उठाए जाने वाले कदमों पर भी चर्चा होने की सम्भावना है। बैठक में होने वाली चर्चाओं की रिपोर्ट केंद्रीय गृह मंत्रालय को भी भेजी जाएगी।
सन् 1975 से जारी है बैठक प्रक्रिया
दोनों सीमा सुरक्षा एजेंसियों के बीच सीमा प्रबंधन के मुद्दे पर महानिदेशक स्तर की बातचीत की प्रक्रिया कोलकाता में 2 दिसम्बर 1975 से शुरू हुआ था। यह साल 1993 तक निरंतर जारी रहा। इसके बाद दोनों देशों ने साल में दो बार ऐसे सम्मेलनों का आयोजन बारी बारी से एक दूसरे के यहां करने का निर्णय किया। इसके बाद से साल में सीमा समन्वय सम्मेलन एक बार ढाका और दूसरी बार दिल्ली में होता आ रहा है।