निरस्त सशस्त्र विद्रोह पर रूस के विदेश मंत्री के साक्षात्कार के मुख्य बिन्दु:
पश्चिमी मीडिया वैगनर प्रमुख येवगेनी प्रिगोझिन से संबंधित घटनाओं को कवर करते हुए "इच्छाधारी सोच" में लिप्त था;
विफल किए गए वैगनर के विद्रोह के प्रयास को लेकर बहुत से देशों ने रूसी नेतृत्व से ऐक्यभाव की घोषणा की है;
निरस्त विद्रोह पर मैक्रॉन के शब्दों पर: पेरिस ने पश्चिम के लिए रूस को हराने का मौका देखा;
वॉशिंगटन दुनिया भर में तख्तापलटों में शामिल: यूक्रेन, यमन, गाम्बिया;
रूसी सुरक्षा सेवाएँ इस बात की जाँच कर रही हैं कि 24 जून की घटनाओं में पश्चिमी खुफिया सेवाएं शामिल थीं या नहीं।
प्रिगोझिन के विद्रोह पर मैक्रॉन के शब्दों पर लावरोव ने कहा, "मुझे लगता है... [हर कोई] मैक्रॉन का रवैया समझेगा, जो स्पष्ट रूप से वर्तमान घटनाक्रम को उस धमकी को अमल में लाने का मौका मानते हैं जो नाटो के नेताओं द्वारा बार बार दोहराई गई यानी कि यूक्रेन रूस को रणनीतिक तौर पर हराएगा। वास्तव में, यूक्रेन ही नहीं, बल्कि पश्चिमी देशों का पूरा खेमा"।
शुक्रवार, 24 जून को येवगेनी प्रिगोझिन के नेटरीत्व वाली वैगनर ग्रुप के सैनिकों और प्रिगोझिन खुद के नाम से फुटेज और ऑडियो सामने आए थे, जिनमें आरोप लगाया गया था कि वैगनर शिविर पर कथित "रूसी मिसाइल आक्रमण" किया गया था। इसके बाद प्रिगोझिन ने सशस्त्र विद्रोह शुरू करने का आह्वान किया।
बाद में बेलारूसी राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको ने प्रिगोझिन से अपनी बातचीत के दौरान रूस में वैगनर सैनिकों की आवाजाही को रोकने और स्थिति से संबंधित तनाव को कम करने के लिए कदम उठाने का प्रस्ताव किया और प्रिगोझिन ने इसको स्वीकार कर लिया।