विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी

ऑस्ट्रेलियाई समुद्र तट पर मिला मलबा कोई रहस्य नहीं: इसरो प्रमुख

पिछले सप्ताहांत ऑस्ट्रेलिया के पर्थ से लगभग 250 किलोमीटर दूर ग्रीन हेड समुद्र तट पर अंतरिक्ष मलबे का 2.5 मीटर का टुकड़ा बहकर आया। जिसके बाद से इसके बारे में अलग-अलग कयास लगाए जा रहे हैं।
Sputnik
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) प्रमुख एस.सोमनाथ ने स्पष्ट किया है कि ऑस्ट्रेलियाई समुद्र तट पर मिली रहस्यमयी वस्तु किसी रॉकेट का हिस्सा लगती है। हालाँकि, मलबा भारत का है या नहीं यह आगे की जांच का विषय है।
"कथित तौर पर समन्वय के लिए ऑस्ट्रेलिया और भारत की अंतरिक्ष एजेंसियों के बीच बातचीत चल रही है," स्थानीय मीडिया ने रिपोर्ट किया।
ऑस्ट्रेलियाई अंतरिक्ष एजेंसी ने बुधवार को कहा कि वस्तु "संभवतः एक ठोस रॉकेट मोटर आवरण" है, लेकिन वस्तु की उत्पत्ति और पहचान अज्ञात बनी हुई है। वहीं, कई मीडिया रिपोर्टों ने अनुमान लगाया कि यह पिछले शुक्रवार को भारत के नवीनतम चंद्रमा मिशन लॉन्च से जुड़ा टुकड़ा हो सकता है लेकिन विशेषज्ञों ने तुरंत इसे खारिज कर दिया।
इस बीच, ऑस्ट्रेलियाई अधिकारी वस्तु को "खतरनाक" मान रहे हैं और लोगों से सुरक्षित दूरी बनाए रखने का अनुरोध किया है, क्योंकि मलबे में जहरीले पदार्थ हो सकते हैं।
दरअसल लगभग 2.5 मीटर चौड़ाई और कोई 2.5-3 मीटर लंबाई वाली रहस्यमयी बड़ी धातु वस्तु पहली बार 16 जुलाई को तट पर देखी गई थी।
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शुरुआत से ही अनुमान लगाया गया था कि मलबा MH370 विमान का हिस्सा हो सकता है जो साल 2014 में 239 यात्रियों के साथ पश्चिमी ऑस्ट्रेलियाई तट से लापता हो गया था। लेकिन विमानन विशेषज्ञों ने जल्द ही स्पष्ट कर दिया कि यह वस्तु किसी वाणिज्यिक विमान से नहीं आ सकती है और संभवतः यह एक रॉकेट का ईंधन टैंक था जो किसी चरण में हिंद महासागर में गिर गया था।
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