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दिल्ली में बाढ़ के बाद जलजनित बीमारियों का बढ़ा खतरा

पिछले हफ्ते यमुना नदी में जल स्तर 208.66 मीटर की रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया था, जो 1978 में दिल्ली में आई पिछली भीषण बाढ़ से काफी ऊपर था जब यह 207.49 मीटर तक पहुंच गया था। दिल्ली में आई अभूतपूर्व बाढ़ के बाद अब संक्रमण का खतरा बढ़ गया है।
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बरसात के मौसम में डायरिया, पेचिश और हैजा जैसी जल-जनित बीमारियों का खतरा बढ़ गया है, दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने शुक्रवार को एडवाईजरी जारी करके कहा है।
जारी एडवाइजरी में मानसून सीजन को देखते हुए क्या करना चाहिए और क्या नहीं, इसका उल्लेख किया गया है।
सलाह में लोगों से घर का बना ताजा भोजन खाने, अच्छी व्यक्तिगत स्वच्छता बनाए रखने, निर्जलीकरण को रोकने के लिए ओरल रिहाईड्रेशन सोलुशन (ORS) का उपयोग करने और उल्टी, पीलिया या बुखार के मामले में स्वास्थ्य सुविधा पर जाने के लिए कहा गया है।
विचारणीय है कि अधिकारियों ने पहले भी आगाह किया था कि दिल्ली के कुछ हिस्सों में हाल ही में आई बाढ़ के बाद जल-जनित और वेक्टर-जनित बीमारियों के फैलने का खतरा है।
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बता दें कि दिल्ली सरकार ने बुधवार को संभागीय आयुक्त को सभी बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में युद्ध स्तर पर कीटाणुशोधन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था ताकि बाढ़ वाले इलाकों से यमुना का पानी निकलने के बाद वेक्टर और जल जनित बीमारियों को पनपने से रोका जा सके।
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