अमेरिकी मीडिया ने यह स्वीकार करना शुरू कर दिया है कि यूक्रेन संघर्ष में पश्चिमी नेतृत्व की जीत प्राप्त करना अब असंभव सा लगने लगा है। साथ ही विशेषज्ञों ने माना कि रूस ने विशेष सैन्य अभियान के बाद यूक्रेन को जीतने या पश्चिम की ओर बढ़ने की कभी योजना बनाई ही नहीं है।
वायु सेना के अनुभवी और विदेश विभाग के पूर्व सलाहकार स्टीवन मायर्स ने मीडिया को बताया कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का एकमात्र लक्ष्य यूक्रेन को नाटो से बाहर रखना है।
"राष्ट्रपति बाइडन, नाटो और ज़ेलेंस्की ने खुद को अपने स्वयं के बनाए Catch-22 में फंसा लिया है, वे अवास्तविक उम्मीदों को पूरा करने में असमर्थ हैं," उन्होंने जोड़ दिया।
इसके अलावा नेशनल डिफेंस यूनिवर्सिटी और जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ फॉरेन सर्विस में रणनीति के प्रोफेसर और कुख्यात युद्ध समर्थक अटलांटिक काउंसिल थिंक टैंक के वरिष्ठ साथी सीन मैकफेट ने भी संघर्ष का चालू चरण पर चर्चा की। उन्होंने भी भविष्यवाणी की थी कि यूक्रेन रूस को उसके पूर्वी क्षेत्रों से बाहर निकालने में असमर्थ होगा, यह स्वीकार करते हुए कि यूक्रेन का जवाबी हमला "लहरा रहा है"।
पश्चिम में अब तक यह कहानी रही है कि यूक्रेन संघर्ष जीत रहा है, कि रूस की सेना पतन के कगार पर है और यूक्रेन की सफलता बहुत करीब है। लेकिन महीनों से उन दावों के बाद कहानी में काफ़ी बदलाव आते दिख रहे हैं।
राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने पहले जोर देकर कहा था कि मोर्चा गतिरोध में तब्दील नहीं हुआ है और कहा था कि यूक्रेनी सेना आगे बढ़ रही है। लेकिन उन्होंने यह भी स्वीकारा कि वे "उतनी दूर या उतनी तेजी से नहीं जा रहे हैं, जितनी तेज़ी और दुरी से चलने की उन्होंने उम्मीद लगाई थी।"
मंगलवार को यह बताया गया कि यूक्रेन के जवाबी हमले का "मुख्य प्रहार" शुरू हो गया, जिसके लिए हजारों रिजर्व सैनिकों को अग्रिम पंक्ति में भेजा गया था। लेकिन रूसी लाइनों में कोई बड़ी सफलता की सूचना नहीं मिली है और अनुमान से पता चला है कि यूक्रेन ज़ापोरोजे क्षेत्र में कई और पश्चिमी टैंकों सहित बड़ी संख्या में सैनिकों और उपकरणों को खो रहा है।
पेंटागन के एक वरिष्ठ सहयोगी ने एक अखबार को बताया कि नवीनतम प्रयास यूक्रेन के लिए "बड़ी परीक्षा" होगी। पुतिन ने रविवार को बताया कि जवाबी कार्रवाई शुरू होने के बाद से 26,000 से अधिक यूक्रेनी सैनिक मारे जा चुके हैं।