28 जुलाई को पुतिन ने रूस-अफ़्रीका सहयोग के बारे में यक वक्तव्य दिया है। नीचे पढ़ें इसके प्रमुख बिन्दु:
उपनिवेशवाद की कुछ अभिव्यक्तियाँ अभी भी कई महानगरों में प्रचलित हैं पुतिन का कहना है कि अफ्रीकी नेताओं द्वारा साझा की गई स्वतंत्रता, अखंडता, संप्रभुता के आदर्श अब बहुध्रुवीय विश्व व्यवस्था की स्थापना के दौरान महत्वपूर्ण हैं।
अफ्रीका शक्ति का केंद्र बन रहा है, इस हकीकत पर विचार करना होगा रूस, अफ्रीका संयुक्त रूप से अनुचित उद्देश्यों के लिए भोजन, जलवायु मुद्दों के उपयोग का विरोध करते हैं ।
यूक्रेनी संकट गंभीर मुद्दा है, हम इस संकट पर चर्चा करने से नहीं छूटते कई देश अब अंतरराष्ट्रीय मानदंड बदल रहे हैं, अपने उद्देश्यों के लिए इसका उपयोग कर रहे हैं ।
रूस संयुक्त राष्ट्र में अधिक सक्रिय भाग लेने के लिए अफ्रीकी देशों की आकांक्षा को साझा करता है।
कई अफ़्रीकी देशों में स्थिति अस्थिर, इस का कारण उपनिवेशवाद ही है रूस अफ्रीका में संघर्षों के समाधान में सहायता की पेशकश करता है और सैन्य प्रशिक्षण और कानून प्रवर्तन में अनुभव का आदान-प्रदान करने के लिए तैयार है।
रूस विकास उद्देश्यों के लिए अफ्रीकी देशों को लगभग 90 मिलियन डॉलर प्रदान करेगा रूस अफ्रीकी राज्यों में नए राजनयिक मिशन खोलने, राजनयिक स्टाफ की संख्या बढ़ाने के लिए तैयार है।
बुर्किना फासो और इक्वेटोरियल गिनी में रूसी दूतावास जल्द ही अपना काम फिर से शुरू करेंगे।
दूसरा शिखर सम्मेलन और आर्थिक और मानवीय मंच "रूस-अफ़्रीका" 27-28 जुलाई को सेंट पीटर्सबर्ग में आयोजित किया गया है। पहला रूस-अफ़्रीका शिखर सम्मेलन सन 2019 में आर्थिक मंच के साथ सोची में आयोजित किया गया था। मंच में अफ़्रीका राज्यों के प्रमुखों, रूसी, अफ़्रीकी और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार और सरकारी एजेंसियों के प्रतिनिधियों के साथ-साथ अफ़्रीकी महाद्वीप के एकीकरण संघों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
27 जुलाई को शिखर सम्मेलन के पहले दिन के नतीजे में रूसी राष्ट्रपति ने खाद्य सुरक्षा सहित विभिन्न क्षेत्रों में अफ्रीकी देशों और संगठनों के साथ सहयोग की घोषणा की थी। रूस के राष्ट्रपति ने अफ्रीकी देशों को 25-50 हजार टन अनाज की निःशुल्क डिलीवरी की घोषणा की।
27 जुलाई की बैठकों के नतीजे में अफ़्रीकी संघ के महत्त्व पर भी ज़ोर दिया गया। रूस शांति और स्थिरता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से अफ्रीकी संघ की बहुमुखी गतिविधियों का समर्थन करता है और इस संगठन को अपने मुख्य भागीदारों में से एक मानता है। इसके अलावा रूस को उम्मीद है कि अफ्रीकी संघ को जी20 से जोड़ने का निर्णय भारत में अगले सितंबर में होने वाले शिखर सम्मेलन में किया जाएगा। यह बात रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अफ्रीकी क्षेत्रीय संगठनों के नेताओं के साथ बैठक में कही।