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अविश्वास प्रस्ताव पर भारतीय संसद में 8 से 10 अगस्त तक होगी चर्चा

543 सदस्यीय लोक सभा में, सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के पास वर्तमान में 331 सदस्य है वहीं विपक्षी गठबंधन के पास सदन में 144 सदस्य हैं बाकी सदस्य सत्ता पक्ष या विपक्ष के किसी गुट में शामिल नहीं है।
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केंद्र सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर संसद में 8 से 10 अगस्त के बीच चर्चा होगी, जिसके आखिरी दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बहस का जवाब दे सकते हैं।
वस्तुतः 26 जुलाई को, लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने नियमों के तहत आवश्यक 50 से अधिक सांसदों की संख्या प्राप्त होने के बाद, नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया था।
लोक सभा में कम से कम 332 सांसदों का समर्थन प्राप्त नरेंद्र मोदी सरकार को इस अविश्वास प्रस्ताव से लगभग कोई खतरा नहीं है। इस बीच विपक्ष ने कहा कि "उन्हें अच्छी तरह पता है कि वे संख्या परीक्षण में फेल हो सकते हैं लेकिन इस प्रस्ताव का मकसद प्रधानमंत्री पर मणिपुर हिंसा पर बोलने के लिए दबाव बनाना है।"
20 जुलाई को मानसून सत्र शुरू होने के बाद से संसद के दोनों सदनों यानी लोक सभा और राज्य सभा में लगातार गतिरोध का एक प्रमुख कारण मणिपुर हिंसा रही है।
जैसा कि सरकार ने प्रस्ताव दिया है कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह संसद में मणिपुर मुद्दे पर संबोधित करेंगे लेकिन विपक्षी दल संसद में प्रधानमंत्री के बयान के साथ-साथ लोकसभा और राज्यसभा दोनों में व्यापक चर्चा की मांग कर रहे हैं।
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केंद्र सरकार के खिलाफ विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव में गतिरोध की संभावना
बता दें कि अनुसूचित जनजाति (ST) का दर्जा देने की मैतेई समुदाय की मांग के विरोध में पहाड़ी जिलों में 'आदिवासी एकजुटता मार्च' आयोजित किए जाने के बाद 3 मई को पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर में हिंसा भड़क उठी जिसमें अब तक करीब 150 लोगों जान जा चुकी है।
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