राज्य मीडिया के मुताबिक, म्यांमार की सत्तारूढ़ सेना ने मंगलवार को देश की पूर्व नेता आंग सान सू की के खिलाफ चल रहे 19 में से पांच मुकदमों में जेल की सजा माफ कर दी है, माफ किए गए सभी मुकदमों में सू की को दोषी ठहराया गया था।
जुंता के प्रवक्ता ज़ॉ मिन टुन ने मीडिया को बताया कि माफ़ी का मतलब है कि सू की की 33 साल की जेल की सजा में से छह साल कम हो जाएंगे और यह एक माफी का हिस्सा है जिसके तहत संघर्षग्रस्त देश भर में 7,000 से अधिक कैदियों को रिहा कर दिया गया है।
78 वर्षीय नोबेल पुरस्कार विजेता आंग सान सू की को पिछले हफ्ते नजरबंद कर दिया गया था हालांकि वे उन सभी आरोपों से इनकार करती हैं जिनके लिए उन्हें दोषी ठहराया गया था।
कौन हैं आंग सान सू की
आंग सान सू की म्यांमार की प्रमुख विपक्षी पार्टी नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी (NLD) की अध्यक्ष हैं। वे म्यांमार में 21 वर्षों तक हिरासत में रही हैं। आंग सान सू की को नवंबर 2010 में नजरबंदी से रिहा कर दिया गया। रिहा होने के बाद उन्होंने सक्रिय राजनीति में फिर से प्रवेश किया और अपने दल को एक राजनीतिक दल के रूप में फिर से पंजीकृत किया।
1 अप्रैल, 2012 को देश के संसदीय उपचुनाव के दौरान कावमू निर्वाचन क्षेत्र में एक सीट जीती, जिसके बाद उन्हें विदेश यात्रा की भी अनुमति दी। हालांकि, वे राष्ट्रपति नहीं बन सकीं क्योंकि माइकल एरिस से शादी के कारण वे इस पद के लिए चुनाव नहीं लड़ सकीं।
यद्यपि, 1 फरवरी 2021 को, चुनाव धोखाधड़ी के जवाब में उन्हें म्यांमार की सेना द्वारा हिरासत में लिया गया था।
आंग सान सू की का जीवन
सू की का शुरुआती जीवन म्यांमार और भारत में बीता और उन्होंने अपनी शिक्षा यूनाइटेड किंगडम (UK) के ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से पूरी की जहां उनकी मुलाकात अपने पति माइकल एरिस से हुई और उनसे उनके दो बच्चे हुए।
1988 में जब वह देश वापस लौटी तो उन्होंने NLD की सह-स्थापना करके और स्वतंत्र देश की बात कीI उनकी पार्टी ने साल 1990 में हुए चुनावों में जीत हासिल की लेकिन सत्तारूढ़ राज्य कानून और व्यवस्था बहाली परिषद ने परिणामों को मान्यता न देते हुए सू की को घर में नजरबंद कर दिया।
आंग सान सू की को 1991 में नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
आंग सान सू पर दर्ज मामले
जब 2020 में NLD पार्टी बड़े अंतर से चुनाव जीतने की तरफ बढ़ रही थी तभी ऐसे आरोप लगाये गए कि चुनाव में धांधली हुई है और चुनावों को कुछ हिस्सों में रद्द भी कर दिया गया। सेना ने चुनाव में धोखाधड़ी का दावा किया और 1 फरवरी, 2021 को आपातकाल की स्थिति घोषित कर दी गई और आंग सान सू की को जेल भेज दिया।
उन पर अवैध रूप से आयातित वॉकी-टॉकी रखने, कोविड महामारी के बीच भीड़ के साथ बातचीत करने और सविनय अवज्ञा के अन्य कृत्यों के लिए आरोप लगाए गए थे।
सेना और आंग सान सू की के बीच दोबारा विवाद
सेना और NLD के बीच विवाद एक बार फिर उस वक्त बढ़ गया जब पार्टी ने एक नया पद स्टेट काउंसलर बनाने का फैसला किया, जो राष्ट्रपति से अधिक शक्तिशाली और प्रधानमंत्री के समान था और 2016 में सू की को वह भूमिका दे दी गई।
सेना और यूनियन सॉलिडेरिटी एंड डेवलपमेंट पार्टी (USDP) ने इस कदम की आलोचना की। इसके साथ साल 2018 में सेना और रोहिंग्या नरसंहार का बचाव करने के कारण उनकी अंतरराष्ट्रीय प्रतिष्ठा को भी गंभीर झटका लगा।