https://hindi.sputniknews.in/20230621/myanmar-men-takhtapalat-ke-baad-2000-se-adhik-avaidh-pravaasiyon-ne-manipur-men-sharan-lii-report-2595222.html
म्यांमार में तख्तापलट के बाद 2000 से अधिक अवैध प्रवासियों ने मणिपुर में शरण ली: रिपोर्ट
म्यांमार में तख्तापलट के बाद 2000 से अधिक अवैध प्रवासियों ने मणिपुर में शरण ली: रिपोर्ट
Sputnik भारत
म्यांमार में सैन्य शासकों के सत्ता में आने के बाद लगभग 2,187 अवैध अप्रवासियों ने मणिपुर में शरण ली है।
2023-06-21T19:01+0530
2023-06-21T19:01+0530
2023-06-21T19:02+0530
राजनीति
भारत
मणिपुर
मणिपुर हिंसा
म्यांमार
म्यांमार की सैन्य सरकार
जातीय हिंसा
सांप्रदायिक हिंसा
मौत
अपराध
https://cdn1.img.sputniknews.in/img/07e7/06/0e/2487552_0:160:3072:1888_1920x0_80_0_0_d5f666f7491b99abbdfea8b1990a04e1.jpg
मणिपुर सरकार द्वारा गठित अवैध अप्रवासियों की पहचान पर कैबिनेट उप-समिति (CSC) ने पाया है कि म्यांमार में सैन्य शासकों के सत्ता में आने के बाद लगभग 2,187 अवैध अप्रवासियों ने मणिपुर में शरण ली है।दरअसल मणिपुर सरकार ने राज्य में जारी संकट में म्यांमार के नागरिकों की भूमिका का आरोप लगाया है। राज्य सरकार के एक अधिकारी ने कहा कि हालिया हिंसा म्यांमार के प्रभावशाली अवैध अफीम की खेती करने वालों और ड्रग माफियाओं द्वारा भड़काई गई थी, जो अवैध रूप से मणिपुर में बस गए हैं।साथ ही अधिकारी ने कहा, "पहचान अभियान के दौरान, यह देखा गया कि अवैध म्यांमार अप्रवासियों ने अपने गाँव बसा लिए हैं। पहचान की इस कवायद के दौरान ही ऐसे गांवों की स्थापना पर आपत्ति जताई गई थी। उन्हें बताया गया कि सरकार उनके लिए आश्रय गृह बनाएगी। अवैध अप्रवासियों ने प्रस्ताव पर कड़ी आपत्ति जताई है और यह हाल ही में भड़की हिंसा के कारणों में से एक है।"मीडिया रिपोर्ट के अनुसार म्यांमार के नागरिकों ने साल 2021 में देश में तख्तापलट के बाद उत्पीड़न के डर से भारतीय राज्यों मणिपुर और मिजोरम में प्रवेश करना शुरू कर दिया था। दरअसल म्यांमार के सागैंग और चिन के क्षेत्रों के साथ मणिपुर 398 किलोमीटर की सीमा साझा करता है।
https://hindi.sputniknews.in/20230601/manipur-hinsa-ki-jaanch-ke-liye-painel-gathan-ke-bich-grih-mantri-amit-shah-ki-kadi-chetavni-2272142.html
भारत
मणिपुर
म्यांमार
दक्षिण एशिया
Sputnik भारत
feedback.hindi@sputniknews.com
+74956456601
MIA „Rossiya Segodnya“
2023
सत्येन्द्र प्रताप सिंह
https://cdn1.img.sputniknews.in/img/07e6/0c/13/137983_0:0:390:391_100x100_80_0_0_d7f05508f508b7ccc8f3f1e549c0f145.jpg
सत्येन्द्र प्रताप सिंह
https://cdn1.img.sputniknews.in/img/07e6/0c/13/137983_0:0:390:391_100x100_80_0_0_d7f05508f508b7ccc8f3f1e549c0f145.jpg
खबरें
hi_IN
Sputnik भारत
feedback.hindi@sputniknews.com
+74956456601
MIA „Rossiya Segodnya“
https://cdn1.img.sputniknews.in/img/07e7/06/0e/2487552_171:0:2902:2048_1920x0_80_0_0_4e3a52ec5811aac4fb41fbbdb6269de5.jpgSputnik भारत
feedback.hindi@sputniknews.com
+74956456601
MIA „Rossiya Segodnya“
सत्येन्द्र प्रताप सिंह
https://cdn1.img.sputniknews.in/img/07e6/0c/13/137983_0:0:390:391_100x100_80_0_0_d7f05508f508b7ccc8f3f1e549c0f145.jpg
मणिपुर में जातीय हिंसा, मणिपुर में शरण, अवैध अप्रवासियों की पहचान, म्यांमार में तख्तापलट, गृहयुद्ध के कारण व्याप्त अशांति, प्रस्ताव पर कड़ी आपत्ति, मणिपुर में भड़की हिंसा, म्यांमार में सैन्य शासक, तख्तापलट के बाद उत्पीड़न, अफीम की खेती, अप्रवासियों का बड़ा प्रवाह
मणिपुर में जातीय हिंसा, मणिपुर में शरण, अवैध अप्रवासियों की पहचान, म्यांमार में तख्तापलट, गृहयुद्ध के कारण व्याप्त अशांति, प्रस्ताव पर कड़ी आपत्ति, मणिपुर में भड़की हिंसा, म्यांमार में सैन्य शासक, तख्तापलट के बाद उत्पीड़न, अफीम की खेती, अप्रवासियों का बड़ा प्रवाह
म्यांमार में तख्तापलट के बाद 2000 से अधिक अवैध प्रवासियों ने मणिपुर में शरण ली: रिपोर्ट
19:01 21.06.2023 (अपडेटेड: 19:02 21.06.2023) भारतीय राज्य मणिपुर में 3 मई को शुरू हुई जातीय हिंसा में अब तक 120 से अधिक लोग मारे गए और 400 से अधिक घायल हुए हैं।
मणिपुर सरकार द्वारा गठित अवैध अप्रवासियों की पहचान पर कैबिनेट उप-समिति (CSC) ने पाया है कि म्यांमार में सैन्य शासकों के सत्ता में आने के बाद लगभग 2,187 अवैध अप्रवासियों ने मणिपुर में शरण ली है।
दरअसल मणिपुर सरकार ने राज्य में जारी संकट में म्यांमार के
नागरिकों की भूमिका का आरोप लगाया है। राज्य सरकार के एक अधिकारी ने कहा कि हालिया
हिंसा म्यांमार के प्रभावशाली अवैध अफीम की खेती करने वालों और
ड्रग माफियाओं द्वारा भड़काई गई थी, जो अवैध रूप से मणिपुर में बस गए हैं।
"सैन्य तख्तापलट और गृहयुद्ध के कारण व्याप्त अशांति की वजह से म्यांमार से भारतीय सीमावर्ती गांवों में अप्रवासियों का एक बड़ा प्रवाह हुआ है। राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए इस खतरनाक स्थिति को देखते हुए मणिपुर सरकार ने अवैध अप्रवासियों की पहचान के लिए एक कैबिनेट उप-समिति (CSC) का गठन किया था," अधिकारी ने कहा।
साथ ही अधिकारी ने कहा, "पहचान अभियान के दौरान, यह देखा गया कि अवैध म्यांमार अप्रवासियों ने अपने गाँव बसा लिए हैं। पहचान की इस कवायद के दौरान ही ऐसे गांवों की स्थापना पर आपत्ति जताई गई थी। उन्हें बताया गया कि सरकार उनके लिए आश्रय गृह बनाएगी। अवैध अप्रवासियों ने प्रस्ताव पर कड़ी आपत्ति जताई है और यह हाल ही में
भड़की हिंसा के कारणों में से एक है।"
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार म्यांमार के नागरिकों ने साल 2021 में देश में तख्तापलट के बाद उत्पीड़न के डर से भारतीय राज्यों मणिपुर और मिजोरम में प्रवेश करना शुरू कर दिया था। दरअसल म्यांमार के सागैंग और चिन के क्षेत्रों के साथ मणिपुर 398 किलोमीटर की सीमा साझा करता है।