अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म 25 दिसंबर, 1924 में हुआ था और 16 अगस्त, 2018 को उनका निधन हो गया। वे भारतीय राजनीतिज्ञ थे, जिन्होंने तीन बार भारत के प्रधान मंत्री के रूप में कार्य किया।
वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) और भारतीय जनसंघ (भारतीय जनता पार्टी के पूर्ववर्ती) से जुड़े थे। इसके साथ उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सह-संस्थापकों में से एक और इसके वरिष्ठ नेता होने के नाते इसकी देश भर में मजबूत उपस्थिति बनाने और पार्टी की विचारधारा को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
वे पांच दशकों से अधिक समय तक भारतीय संसद के सदस्य रहे, लोकसभा के लिए दस बार और राज्यसभा के लिए दो बार उनको चुने गए।
Sputnik ने वाजपेयी की पुण्य तिथी पर उनके कुछ प्रेरणादायक उद्धरण संग्रहित किये हैं जिनका उपयोग व्यापक रूप से आज भी किया जाता है:
"आप दोस्त बदल सकते हैं लेकिन पड़ोसी नहीं।"
"आप ऐसे व्यक्ति को हिंसक व्यक्ति नहीं बना सकते जो स्वाभाविक रूप से अहिंसक है। लेकिन हाँ, आप एक हिंसक व्यक्ति को अहिंसक बना सकते हैं।"
"हम अनावश्यक रूप से अपने बहुमूल्य संसाधनों को युद्धों में बर्बाद कर रहे हैं... अगर हमें युद्ध छेड़ना है, तो हमें बेरोजगारी, बीमारी, गरीबी और पिछड़ेपन पर वार करना होगा।"
"लोकतंत्र की यात्रा में देश के कानून का पालन करना चाहिए।''
"वैश्विक परस्पर निर्भरता का आज मतलब है कि विकासशील देशों में आर्थिक आपदाएँ विकसित देशों पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकती हैं।"
"हमारा उद्देश्य एक साम्राज्य का निर्माण करना नहीं है, बल्कि लोगों को अपने जीवन को बेहतर बनाने की क्षमता से सशक्त बनाना है।"
"राष्ट्रों के बीच शांति और सहयोग के लिए लोकतंत्र सबसे अच्छा गारंटीकर्त्ता है।"
"किसी को भी भारत की धर्मनिरपेक्षता को चुनौती नहीं देनी चाहिए।”