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Sputnik ने गरीब देशों को खाद्य की आपूर्ति को लेकर ब्रिक्स फ़ोरम में रखा प्रस्ताव

सबसे गरीब देशों को खाद्य आपूर्ति के बारे में निष्पक्ष और व्यापक रूप से जानकारी फैलाने की आवश्यकता के बारे में Sputnik द्वारा प्रस्तावित विषय ब्रिक्स मीडिया फ़ोरम के अंतिम दस्तावेज़ में सम्मिलित किया गया है, जो आज ब्रिक्स शिखर सम्मेलन की पूर्व संध्या पर जोहान्सबर्ग में समाप्त हुआ।
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सेंट पीटर्सबर्ग में रूस-अफ्रीका शिखर सम्मेलन में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा था कि रूस छह अफ्रीकी देशों (बुर्किना फासो, जिम्बाब्वे, माली, सोमालिया, मध्य अफ्रीकी गणराज्य, इरिट्रिया) को 25-50 हजार टन अनाज निशुल्क में आपूर्ति करने के लिए तैयार है।
इतना ही नहीं, रूस ने सबसे गरीब देशों को निःशुल्क खनिज उर्वरक प्रदान करने के लिए तत्परता जताई। वर्तमान में यूरोपीय बंदरगाहों में जो 262,000 टन उर्वरक अवरुद्ध हो गए हैं, उनमें से अब तक सिर्फ दो खेप भेजी गई हैं: 20,000 टन मलावी को और 34,000 टन केन्या को।

"हमें मूल्य निर्धारण और आपूर्ति श्रृंखलाओं सहित वैश्विक खाद्य सुरक्षा के विषयों के बारे में निष्पक्ष और व्यापक रूप से जानकारी फैलाना चाहिए। जनता को समय रहते सटीक जानकारी प्रदान करके ब्रिक्स देशों के मीडिया को एकजुट होकर वैश्विक खाद्य सुरक्षा तथा सबसे क्षीण देशों को होने वाले क्षति को कम करने में योगदान देना चाहिए," ब्रिक्स मीडिया फ़ोरम के अंतिम दस्तावेज़ में कहा गया।

रूस ने बार-बार दुनिया के सबसे गरीब देशों को रूसी अनाज और उर्वरकों की आपूर्ति सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर बल दिया है। मास्को उन्हें मुफ्त में प्रदान करने के लिए तैयार है। रूस से अनाज और उर्वरकों की आपूर्ति काला सागर पहल के अंतर्गत सबसे महत्वपूर्ण शर्तों में से एक थी। रूस समझौते से बाहर आ जाने को विवश हो गया। राष्ट्रपति पुतिन के अनुसार इस सौदे के माध्यम से पश्चिम अधिकांश यूक्रेनी अनाज को अपने राज्यों में भेजा रहा था, जबकि सौदे का मुख्य उद्देश्य यानी अफ्रीकी सहित जरूरतमंद देशों को अनाज की आपूर्ति अंततः साकार नहीं हुआ।
वहीं, रूसी कृषि निर्यात पर लगाए गए अवैध पश्चिमी प्रतिबंधों के बाद भी रूस ने 2022 में अफ्रीका को 11.5 मिलियन टन अनाज निर्यात किया था, और इस वर्ष यानी 2023 वर्ष की पहली छमाही में लगभग 10 मिलियन टन अनाज निर्यात किया।
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