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केंद्र सरकार ने रक्षा संस्थान DRDO की समीक्षा के लिए बनाई हाई पावर कमेटी

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देशों के तहत और रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) में बदलाव की दृष्टि से इस समिति का गठन किया है।
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भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) की भूमिका की समीक्षा और पुनर्परिभाषित करने के लिए प्रोफेसर के. विजयराघवन के नेतृत्व में नौ सदस्यीय विशेषज्ञों की समिति का गठन किया है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक यह समिति अगली तीन महीनों में सरकार के सामने एक रिपोर्ट पेश करेगी। इस समिति का नेतृत्व कर रहे प्रोफेसर विजयराघवन भारत सरकार के पूर्व प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार रहे हैं।
DRDO के प्रमुख समीर वी कामत ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के फैसले के बारे में समिति के सदस्यों को बताने के साथ साथ कुछ प्रमुख बातों से अवगत कराया, जिसमें उन्होंने रक्षा विभाग (R&D) और DRDO की भूमिका का पुनर्गठन, शिक्षा, उद्योग के संबंधों को फिर से परिभाषित करना, अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियों के विकास में शिक्षा जगत, MSMI और स्टार्ट-अप की भागीदारी को बढ़ाए जाने के बारे में बताया।
इसके अलावा परियोजनाओं के त्वरित कार्यान्वयन को प्राप्त करने के लिए प्रशासनिक, कार्मिक और वित्तीय प्रणालियों का आधुनिकीकरण जैसी कुछ और शर्तों को समिति के सदस्यों के साथ साझा किया ।
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DRDO का अग्नि प्राइम बैलिस्टिक मिसाइल का सफल परीक्षण
मीडिया रिपोर्ट में बताया गया है कि प्रधानमंत्री मोदी खुद संगठन में जवाबदेही की कमी और शोध में देरी को लेकर चिंतित थे। यह संगठन आम तौर पर एक सरकारी सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम (PSU) के रूप में कार्य करता है और अनुसंधान से लेकर विकास और उत्पादन तक की संपूर्ण रक्षा प्रक्रियाओं को अपना मानता है।
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