राजनयिक ने कहा, "निस्संदेह, जी20 में विस्तारित ब्रिक्स की स्थिति मजबूत हो जाएगी, क्योंकि सऊदी अरब यहां है, और अर्जेंटीना। (...) और हम अवश्य संयुक्त राष्ट्र, ‘बीस के समूह’ और दूसरे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर नए सदस्यों के साथ अपने दृष्टिकोण का समन्वय करेंगे।”
विदेश मंत्री लवरोव ने इस बात पर बल दिया कि ब्रिक्स समूह का उद्देश्य किसी को कष्ट पहुंचाना नहीं है, सिर्फ यह बात आवश्यक है कि गठबंधन को पारस्परिक रूप से लाभकारी परियोजनाओं को पूरा करने में बाधित न किया जाए।
उन्होंने कहा, "हम किसी को आघात पहुंचाना नहीं चाहते हैं। हम मात्र यह चाहते हैं कि उन परियोजनाओं को विकसित करने में बाधित न किया जाए जो पारस्परिक रूप से लाभप्रद होती हैं तथा किसी के विरुद्ध निर्देशित नहीं होतीं।"
15वां ब्रिक्स शिखर सम्मेलन 22-24 अगस्त को दक्षिण अफ्रीका की अध्यक्षता में जोहान्सबर्ग में आयोजित किया गया था। दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा ने कहा कि अर्जेंटीना, मिस्र, इथियोपिया, ईरान, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात को ब्रिक्स का पूर्ण सदस्य बनने के लिए आमंत्रित करने का निर्णय लिया गया है।