यूक्रेन संकट
मास्को ने डोनबास के लोगों को, खास तौर पर रूसी बोलनेवाली आबादी को, कीव के नित्य हमलों से बचाने के लिए फरवरी 2022 को विशेष सैन्य अभियान शुरू किया था।

अब्राम्स टैंक यूक्रेन के रुके हुए आक्रमण को पुनः प्रारंभ करने में क्यों हैं अक्षम?

यूक्रेन के प्रतिउत्तरी आक्रमण को तीन महीने हो गए हैं। अमेरिकी अधिकारियों ने जानकारी दी कि अमेरिका सितंबर में यूक्रेन को अंततः पहले दस अब्राम्स टैंक भेजेगा। Sputnik ने सैन्य विशेषज्ञों से बात करके पता लगाया कि यूक्रेन को इन टैंकों का बड़ा लाभ क्यों नहीं होगा।
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अमेरिकी अधिकारियों ने इस सप्ताह मीडिया को बताया कि सितंबर में अमेरिका की ओर से यूक्रेन को लगभग दस अब्राम्स टैंक मिलेंगे। बाइडन प्रशासन ने पहली बार 2023 के जनवरी में ही उन्हें भेजने का वादा किया था। पश्चिमी अधिकारियों ने आशा व्यक्त की कि यह आपूर्ति यूक्रेन की सेना को रूसी रक्षा में सेंध लगाने के लिए "वह बढ़त प्रदान करेगी जिसकी उन्हें आवश्यकता है।" साथ ही दस M1 अब्राम्स को भेजे जाने से पहले उनकी मरम्मत करनी है
रूसी रक्षा-पंक्ति को तोड़ने के लिए यूक्रेन के पास अरबों डॉलर मूल्य के उन्नत नाटो हथियार थे। इनमें लेपर्ड और चैलेंजर सहित पश्चिमी टैंक, तरह-तरह के बख्तरबंद वाहन सम्मिलित थे। फिर भी किसी भी दिशा में यूक्रेन सेना अपेक्षित परिणाम प्राप्त नहीं कर पाई, जहां वहीं यूक्रेनी सेना को भारी क्षति हुई।

लड़ाई के क्षेत्र में बड़े टैंक बड़ी समस्या हैं

रूसी सेनावृति अनातोली मतविचुक ने Sputnik को बताया कि, निस्संदेह, अमेरिका निर्मित अब्राम्स टैंक कोई "सिल्वर बुलेट" नहीं होगा जिसकी यूक्रेन ढूंढ रहा है।

मतविचुक ने कहा, “यूक्रेन को जो अब्राम्स मिल रहे हैं, वे नए नहीं हैं। ये वही अब्राम्स हैं जिन्होंने इराक में ही लड़ाई लड़ी थी। वहां पता चला कि उनके गैस टरबाइन इंजन खराब हैं, इसलिए उन्हें डीजल टरबाइन इंजन से बदलना पड़ा। फिर ये टैंक यूरोप में स्थानांतरित कर दिए गए, जहां एक और समस्या सामने आयी – इस अमेरिकी टैंक के लिए विशेष बुनियादी ढांचा चाहिए, जो यूरोप में नहीं है।"

US soldiers of the 1st armored Brigade of the 1st Infantry Division load a M1-A Abrams tank
उन्होंने याद दिलायी कि पुराने वारसॉ संधि के दिनों में सोवियत संघ और उसके सहयोगियों की मांग थी कि "टैंक का वज़न 50 टन से अधिक नहीं होना चाहिए। हमारे टैंकों का वज़न लगभग 43-47 टन है।"

माटविचुक ने अपनी बात बढ़ाते हुए कहा, “अब्राम्स 60 टन के हैं। जब वे पहली बार पोलैंड पहुंचे, तो उन्होंने पोलैंड के रेलवे प्लेटफार्मों को नष्ट कर दिया (…) इसके साथ हमने अब्राम्स का बर्फीली पहाड़ी पर चढ़ने में असफल होने का वीडियो देखा है, क्योंकि इसके ट्रैक रोलर्स रबर से बने हुए हैं।"

मतविचुक ने अपनी बात में जोड़ते हुए कहा, यूक्रेन को जो पश्चिमी उपकरण दिया गया है, वह शीत युद्ध के दौरान यूरोप में संचालित करने के लिए बनाया गया था, जहां अच्छी, पक्की सड़कें, साफ-सुथरी झीलें और नदियां हैं और दलदल नहीं हैं – डोनबास में दलदली क्षेत्र बहुत ज्यादा हैं, प्रायः वर्षा होती है, सड़कें बह जाती हैं। इसी कारण से पश्चिमी उपकरण वहां अव्यावहारिक है।"
Sputnik ने अमेरिकी अफसर डेविड टी पाइन की भी टिप्पणी ली, जिन्होंने स्वयं अब्राम्स टैंकों का प्रयोग किया था। उन्होंने यूक्रेन को अब्राम्स की आपूर्ति को लेकर निराशा व्यक्त की।

पाइन ने कहा, “अमेरिका यूक्रेन को M-1A1 SA टैंक भेजने जा रहा है। ये अमेरिकी M-1A2 मुख्य युद्धक टैंकों के निर्यात सरलीकृत संस्करण हैं जिनमें… चोभम कवच सम्मिलित नहीं है। इसलिए आधुनिक रूसी टैंकों के विरुद्ध वे कम प्रभावी होंगे। जो सैनिक उनमें होंगे, उनके लड़ाई के क्षेत्र में जीवित रहने की संभावना कम है।”

Members of US Army's 4th Infantry Division 3rd Brigade Combat Team 68th Armor Regiment 1st Battalion prepare to unload some Abrams battle tanks after arriving at the Gaiziunai railway station, some 110 kms (69 miles) west of the capital Vilnius, Lithuania, Friday, Feb. 10, 2017.

यूक्रेन का प्रतिउत्तरी आक्रमण प्रारंभ से ही असफल

माटविचुक ने इस बात पर बल देकर कहा कि अब्राम्स टैंकों को अगर छोड़ दें, तो यूक्रेन का प्रतिउत्तरी आक्रमण प्रारंभ से ही असफल हो गया है।
माटविचुक ने समझाया कि सब से पहले, सैन्य विज्ञान के अनुसार आक्रमण कर रहे सैनिकों की संख्यात्मक श्रेष्ठता दुश्मन की तुलना में कम से कम तीन-पांच गुना ज्यादा होनी चाहिए। यूक्रेन ने इस नियम को नज़रअंदाज़ किया। दूसरा, भिड़ंत के दौरान रूसी सेना ने आरंभ से ही हवाई श्रेष्ठता प्राप्त की। रूसी विमानों ने निरंतर आगे बढ़ने हेतु प्रयासरत यूक्रेनी सैनिकों पर आक्रमण किया।

"न जाने क्यों, यूक्रेन ने सोचा कि रूस के पास लकड़ी के टैंक थे, कोई गोला-बारूद नहीं था (…) यानी वे हमारी सैन्य और आर्थिक शक्ति को ध्यान में रखने में पूरी तरह से विफल रहे। यूक्रेन ने सभी परिस्थितिजन्य विकल्पों को ध्यान में न रखते हुए आक्रमण किया, जिसके परिणामस्वरूप उन्हें भारी नुकसान उठाना पड़ा," उन्होंने कहा।

पाइन ने अपनी ओर से कहा, "यह [रूसी सेना] रक्षात्मक संचालन और तोपों की बमबारी में उत्कृष्टता जारी रखती है। रूसी रक्षा संरचना में तीन लाइनें सम्मिलित थीं।"
ज्ञात है कि यूक्रेन मात्र एक क्षेत्र में पहली रक्षा-पंक्ति में घुसपैठ करने में सफल रहा, परंतु इस प्रकार, यूक्रेनी सेना ने खुद को जाल में फंसा हुआ पाया। अब रूसी सेना इस क्षेत्र में शत्रु को बड़ा नुकसान पहुंचा सकती है।
वहीं, माटविचुक ने इस बात पर जोर दिया कि वास्तविक यूक्रेनी नुकसान पश्चिमी मीडिया द्वारा रिपोर्ट किए गए "विनाशकारी" आंकड़ों से भी अधिक है। उन्होंने कहा कि प्रतिउत्तरी आक्रमण में ही यूक्रेन ने 80,000 से अधिक सैनिक (मृत और भारी घायल) खो दिए हैं।
यूक्रेन संकट
पश्चिम नए उपकरणों को रखने के लिए यूक्रेन को अप्रचलित लेपर्ड टैंकों की आपूर्ति करता है: मीडिया
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