विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी

हैदराबाद फर्म ने भारत के पहले AI संचालित एंटी-ड्रोन सिस्टम का किया अनावरण

इंद्रजाल नामक इस उन्नत पूर्ण-स्पेक्ट्रम ड्रोन सुरक्षा प्रणाली की क्षमता का हैदराबाद के बाहरी इलाके में एक डीप-टेक कंपनी द्वारा लाइव प्रदर्शन किया गया, जो रक्षा, उद्यम और सरकारी क्षेत्रों के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) संचालित सुरक्षा समाधान प्रदान करने में माहिर है।
Sputnik
हैदराबाद स्थित एक रोबोटिक्स फर्म ग्रेन रोबोटिक्स ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) द्वारा संचालित एक अत्याधुनिक स्वायत्त एंटी-ड्रोन प्रणाली का अनावरण किया है।
दरअसल यह प्रणाली परमाणु प्रतिष्ठानों और तेल रिग जैसे महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों की रक्षा करने के साथ-साथ ड्रोन से पूरे शहर के एक विस्तृत क्षेत्र की भी रक्षा कर सकती है। यह दुनिया की एकमात्र व्यापक क्षेत्र वाली काउंटर-मानवरहित विमान प्रणाली (C-UAS) है, जो बढ़ते खतरों के खिलाफ एक व्यापक और एकीकृत सुरक्षा तंत्र प्रदान कर सकती है जिसे स्थिर रक्षा प्रणालियों से नहीं निपटा जा सकता है।
यह पहली बार है जब भारत में ऐसी प्रणाली विकसित की गई है।
इस बीच ग्रेन रोबोटिक्स के संस्थापक किरण राजू का कहना है कि इंद्रजाल का डिज़ाइन एक लेगो-जैसे संयोजन तंत्र का उपयोग करता है जो कृत्रिम बुद्धि द्वारा संचालित प्रौद्योगिकी की 12 अद्वितीय परतें प्रदान करता है।
"यह प्रणाली वास्तविक समय में खतरों का पता लगाने, पहचानने, वर्गीकृत करने, ट्रैक करने और बेअसर करने की क्षमता के साथ 360-डिग्री सुरक्षा प्रदान करती है। खतरे का जीवनकाल 30 सेकंड से लेकर कुछ मिनटों तक हो सकता है," राजू ने कहा।
गौरतलब है कि इंद्रजाल को 4,000 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में सभी वर्गों और स्तरों के स्वायत्त ड्रोन से बचाव के लिए डिज़ाइन किया गया है।
बता दें कि साल 2020 में, भारत में शत्रुतापूर्ण मानव रहित वाहन (UAV) गतिविधि के 76 मामले दर्ज किए गए थे। वहीं वर्ष 2021 में यह संख्या बढ़कर 109 जबकि 2022 में 266 हो गई। साल 2023 के पहले 8 महीनों में, 200 मामले दर्ज किए गए हैं। इसके साथ रूस पर ड्रोनों की सहायता से आतंकवादी आक्रमणों के यूक्रेनी प्रयासों की स्थिति में बहुत देशों ने अपनी वायु रक्षा प्रणालियों में सुधार लाने का निश्चय किया।
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एंटी-ड्रोन सिस्टम क्या है और यह कैसे काम करता है?
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