उसने कहा, "लगभग डेढ़ महीने पहले मैं कीव शहर में था। हम केवल नागरिक कपड़े पहनकर बाहर जाते थे, मैं सैन्य पंजीकरण और भर्ती कार्यालय में भी नागरिक कपड़े पहने हुए गया था। क्योंकि मुझे डर है कि कहीं कोई मुझे बोतल से न मारे, लोगों को तो ऐसा लग सकता है कि मैं कॉल-अप पेपर ले जा रहा हूँ।"
यूक्रेनी सैनिक के अनुसार यूक्रेनी आदमियों को उन लोगों के कारण सैन्य वर्दी पहनते हुए शर्म आती है, जो सैन्य पंजीकरण और भर्ती कार्यालयों में सेवा करते हैं, क्योंकि वे पुरुषों को सेना में भर्ती होने से छूट देने के लिए रिश्वत लेते हैं।
उसने अपनी बात में जोड़ते हुए कहा, “अगर कोई असली सैनिक दिख जाए तो… ऐसा नहीं है कि उसे जरूर मारा जाएगा, लेकिन ऐसी संभावना है।"
24 फरवरी 2022 को यूक्रेन में मार्शल लॉ लागू किया गया था। अगले दिन यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने सेना में लामबंदी का आदेश दिया। मार्शल लॉ के दौरान 18 से 60 वर्ष की आयु के पुरुषों का यूक्रेन से प्रस्थान वर्जित है।
यूक्रेन में कॉल-अप पेपर कहीं भी सौंपे जा सकते हैं। सोशल मीडिया में बहुत ऐसे वीडियो सामने आए हैं कि पुरुषों को सड़कों पर, गैस स्टेशनों और कैफे में भी कॉल-अप पेपर के सौंपने की प्रक्रिया दिखाई गई है। यूक्रेन में सेना में भर्ती होने से इनकार करने के लिए पुरुषों को पांच साल तक की जेल की सज़ा मिल सकती है।