विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी

भारत नेट-जीरो इकोनॉमी बनने की दौड़ में पांच प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में से एक: रिपोर्ट

रिपोर्ट के अनुसार, इन राष्ट्रीय परिवर्तन योजनाओं में लाखों गुणवत्तापूर्ण नौकरियाँ पैदा करने की क्षमता है। अंतर्राष्ट्रीय नवीकरणीय ऊर्जा एजेंसी (आईआरईएनए) का मानना है कि नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र 2050 तक लगभग 40 मिलियन लोगों को रोजगार दे सकता है।
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स्ट्रैटेजिक पर्सपेक्टिव्स के लेखक नील मकारॉफ़ और लिंडा कलचर द्वारा लिखी गई एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत उन पांच प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में से एक जो नवीकरणीय ऊर्जा और इलेक्ट्रिक वाहनों जैसी शून्य-कार्बन प्रौद्योगिकियों की वैश्विक आपूर्ति का नेतृत्व कर सकती हैं।
स्ट्रैटेजिक पर्सपेक्टिव एक पैन-यूरोपियन थिंक टैंक है जिसका मिशन प्रभावी जलवायु कार्रवाई को बढ़ावा देना है।भारत के अलावा चार और प्रमुख अर्थव्यवस्थाएं चीन, यूरोपीय संघ, संयुक्त राज्य अमेरिका और जापान हैं।
व्यापार और अर्थव्यवस्था
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शून्य-कार्बन प्रौद्योगिकियों के बनाने और तैनाती से नौकरियां पैदा हो सकती हैं, जिसके परिणामस्वरूप प्रतिस्पर्धी लाभ और प्रमुख क्षेत्रों में उत्सर्जन में कमी आ सकती है।
भारत, चीन, यूरोपीय संघ, अमेरिका और जापान वैश्विक ऊर्जा परिदृश्य को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और ये अर्थव्यवस्थाए दुनिया भर में ज़ीरो कार्बन प्रौद्योगिकियों की तैनाती का नेतृत्व करेंगी।
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