प्रधानमंत्री मोदी के संबोधन के बाद, भारतीय विदेश मंत्री सुब्रमण्यम जयशंकर कोमोरोस के राष्ट्रपति और अफ्रीकी संघ के अध्यक्ष अज़ाले असौमानी के पास पहुंचे और उन्होंने उन्हें मेज पर एक सीट तक ले जाकर जहां G20 के सदस्य मिलते हैं उनके सामने अफ्रीकी संघ का एक चिन्ह और झंडा रखा।
दरअसल जून में, भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने G-20 नेताओं को पत्र लिखकर प्रस्ताव दिया कि अफ्रीकी संघ को समूह की पूर्ण सदस्यता दी जाए।
बदले में, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि रूसी संघ प्रमुख अंतरराष्ट्रीय संघों के साथ अफ्रीकी संघ के संबंध का समर्थन करता है; यह G-20 में अफ्रीका को सदस्यता प्रदान करने की पहल का समर्थन करने वाले पहले देशों में से एक था। उस समय मास्को ने आशा व्यक्त की कि यह निर्णय सितंबर में नई दिल्ली में G-20 शिखर सम्मेलन में ले लिया जाएगा।
वहीं यूरोपीय संघ समेत कई अन्य देशों और संघों ने भी इस निर्णय पर समर्थन जताया। G-20 में, अफ्रीकी संघ - अफ्रीकी महाद्वीप के 55 राज्यों को एकजुट करने वाला संगठन को समूह में EU के समान स्थान प्राप्त होगा।
बता दें कि भारत के पास 1 दिसंबर, 2022 से G-20 की अध्यक्षता है। समूह का शिखर सम्मेलन 9-10 सितंबर को नई दिल्ली में हो रहा है। G-20 देशों और नौ अन्य देशों बांग्लादेश, मिस्र, स्पेन, मॉरीशस, नाइजीरिया, नीदरलैंड, संयुक्त अरब अमीरात, ओमान और सिंगापुर के नेताओं को भाग लेने के लिए आमंत्रित किया गया है।