शनिवार को इसरो ने विक्रम लैंडर की मनमोहक तस्वीरें जारी कीं। विक्रम लैंडर को स्लीप मोड में सेट कर दिया गया है और उसके पेलोड बंद कर दिए गए हैं।
चंद्रयान-3 के लैंडर की तस्वीरें बुधवार को चांद की कक्षा पर घूम रहे चंद्रयान-2 पर लगे डुअल-फ़्रीक्वेंसी सिंथेटिक एपर्चर रडार (DFSAR/डीएफएसएआर) उपकरण द्वारा ली गई थी।
इसरो ने कहा, "वर्तमान में DFSAR अत्याधुनिक उपकरण किसी भी चंद्र मिशन में उच्चतम रिज़ॉल्यूशन की पोलारिमेट्रिक छवियां प्रदान करता है।"
Chandrayaan-3 Mission
© Photo : @isro
22 सितंबर को इसरो विक्रम लैंडर और प्रज्ञान की कार्यक्षमता का आकलन करेगा। चंद्रमा की रातों में तापमान -150 डिग्री सेल्सियस तक गिर जाता है, जिससे लैंडर की इतनी अत्यधिक ठंड झेलने की क्षमता के बारे में चिंताएं बढ़ जाती हैं।
चंद्रयान-2 मिशन 2019 में लॉन्च किया गया था। इसके उद्देश्य चंद्रयान-3 के समान थे। दुर्भाग्यवश, चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग के प्रयास के दौरान चंद्रयान-2 लैंडर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था ।
फिर भी, ऑर्बिटर पूरी तरह से चालू है। अब वह तीसरे चंद्र मिशन का समर्थन करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। यह लैंडिंग प्रक्रियाओं में सहायता करता है और विक्रम लैंडर को ग्राउंड स्टेशनों से जुड़ने के लिए दोतरफ़ा संचार को सक्षम बनाता है।