हथियारों की सूची में भविष्य के पैदल सेना के लड़ाकू वाहन, जहाज आधारित मानव रहित हवाई प्रणाली, मध्यम दूरी की सटीक मारक प्रणाली, विभिन्न प्रकार के गोला-बारूद, रडार, सेंसर और लड़ाकू जेट, समुद्री निगरानी विमान, युद्धपोत, हेलीकॉप्टर और टैंक के लिए उपकरण सम्मिलित हैं।
"सूची में महत्वपूर्ण हथियार प्रणालियों, सेंसर और युद्ध सामग्री के अलावा प्रमुख प्रणालियों के घटकों के आयात प्रतिस्थापन पर विशेष ध्यान दिया गया है, जिन्हें विकसित किया जा रहा है और अगले पांच से 10 वर्षों में पक्के ऑर्डर में परिवर्तित होने की संभावना है," रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा।
भारत पहले ही चार सूचियाँ प्रकाशित कर चुका है, जिनमें 411 विभिन्न प्रकार के हथियारों और प्लेटफार्मों पर चरणबद्ध आयात प्रतिबंध लगाया गया है, जिनमें हल्के वजन वाले टैंक, नौसेना के लिए उपयोगी हेलीकॉप्टर, तोपें, बंदूकें, मिसाइलें, विध्वंसक, जहाज आधारित क्रूज मिसाइलें, हल्के लड़ाकू विमान, हल्के परिवहन विमान, लंबी दूरी की ज़मीन पर आक्रमण करने वाली क्रूज़ मिसाइलें, बुनियादी प्रशिक्षण विमान, हवाई प्रारंभिक चेतावनी और नियंत्रण प्रणाली और मल्टी-बैरल रॉकेट लांचर सम्मिलित हैं।
"सूची में उपस्थित वस्तुएं घरेलू उद्योग को सशस्त्र बलों की प्रवृत्ति और भविष्य की आवश्यकताओं को समझने और देश के भीतर अपेक्षित अनुसंधान एवं विकास और विनिर्माण क्षमता बनाने के लिए पर्याप्त दृश्यता और अवसर प्रदान करेंगी," बयान में कहा गया।
बता दें कि यह निर्णय रूसी हथियारों पर लगे पश्चिमी प्रतिबंध के मध्य आया है। दरअसल भारत अपनी अधिकतर रक्षा आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए वर्षों से रूसी हथियार पर भरोसा किया है।