इस वर्ष के आयोजन में भाग लेने वाली 10 टीमें भारत, अफगानिस्तान, ऑस्ट्रेलिया, बांग्लादेश, इंग्लैंड, नीदरलैंड, न्यूजीलैंड, पाकिस्तान, दक्षिण अफ्रीका और श्रीलंका से हैं।
गुरुवार को अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में 2019 के फाइनलिस्ट इंग्लैंड और न्यूजीलैंड के मध्य एक ब्लॉकबस्टर मुकाबले से अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) पुरुष क्रिकेट विश्व कप का आगाज हुआ। वहीं
टीम इंडिया अपना पहला मुकाबला 8 अक्टूबर को ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध चेन्नई के मैदान में खेलेगी।
घरेलू मैदान का लाभ और टीम के तात्कालिक उत्कृष्ट प्रदर्शन से पता चलता है कि
भारतीय टीम सही समय पर शिखर पर हैं, लेकिन मेजबान देश भारत 19 नवंबर को अहमदाबाद में ट्रॉफी उठाने का प्रबल दावेदार है।
टीम इंडिया के कप्तान रोहित शर्मा एशिया कप फाइनल में भारत की प्रचंड जीत के बाद प्रेस के प्रश्न का उत्तर देना शुरू ही कर रहे थे, तभी बाहर पटाखे फोड़े जाने की गगनभेदी आवाज ने उन्हें रोक दिया। वे रुके, शोर को कम होने दिया और फिर, लगभग सहज रूप से टिप्पणी की, "विश्व कप जीतने के बाद फोड़ो, यार!"
हालांकि रोहित की टिप्पणी व्यंग में की गई थी, परंतु यह क्रिकेट के दीवाने देश की मनोदशा को दर्शाती है जो साल 2011 के उपरांत से
विश्व कप में लंबे समय तक खिताब के सूखे का सामना कर रहा है जब महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में भारतीय टीम ने ट्रॉफी अपने नाम की।
उस दर्द को समाप्त करने के लिए वनडे विश्व कप (ODI) के 2023 संस्करण से बेहतर कोई समय और स्थान नहीं हो सकता है।
यदि धोनी के धुरंधरों द्वारा 2011 में कप उठाने के समय और जब कपिल देव की अगुआई में 1983 में सर्वप्रथम भारत ने इसे जीता था, इसके मध्य 28 साल का अंतर था, तो आशा है कि रोहित के रणबांकुरे इस संस्करण में जीत दर्ज कर अंतर को समाप्त कर देंगे।
तो क्या भारतीय टीम ऐसा कर पाएगी? सच कहा जाए तो
2011 की जीत के बाद से उन्हें सबसे बड़े मंच पर, विशेष रूप से महत्वपूर्ण अवसर पर कमजोर पाया गया है।
"हालांकि सभी संदेहों पर विराम लग गया है, एशिया कप चैम्पियनशिप जीत कर और फिर एक छोटी, प्री-कप वनडे श्रृंखला में प्रबल ऑस्ट्रेलियाई टीम को पराजित कर भारतीय एकादश ने जोरदार ढंग से उत्तर दिया है।
वनडे विश्व कप को
क्रिकेट का G20 माना जाता है, जो कि सफेद गेंद के सीमित ओवरों के खेल का प्रतीक है। दरअसल, भारत की गेंदबाजी भी चर्चा का विषय बनकर उभरी है। बुमराह ऐसी गेंदबाजी कर रहे हैं जैसे वह कभी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से दूर नहीं रहे हों, तेज गति और स्मार्ट सेटअप के संयोजन का उपयोग करके शीर्ष क्रम के बल्लेबाजों को आउट कर रहे हैं, जैसा कि उन्होंने 11 महीने की चोट के कारण अपनी छुट्टी से पहले किया था। एशिया कप में मैन ऑफ द टूर्नामेंट रहे कुलदीप यादव के बारे में जानने के प्रयासों में पूरा क्रिकेट जगत हतप्रभ है। वहीं सदैव उत्साहित रहने वाले मोहम्मद सिराज ने अपनी सीम और अतिरिक्त उछाल के साथ विपक्षी बल्लेबाजों को परेशान कर दिया है।
'घरेलू लाभ' भी भारत को सबसे बड़ा अवसर प्रदान करता है। तथ्य यह है कि पिछले तीन संस्करणों में मेजबान टीम ने एकदिवसीय खिताब अपने नाम किया है, जो एक महत्वपूर्ण कहानी बताता है। परिस्थितियों से परिचित होने से निस्संदेह घरेलू टीमों को जीत की बढ़त मिलती है। और इस विषय में भारत से बेहतर प्रदर्शन भारत में किसी का नहीं है। 2019 में पिछले विश्व कप से लेकर अब तक की अवधि में, घरेलू मैदान पर भारत का
जीत-हार का अनुपात अभूतपूर्व 3.33 (20 गेम जीत और सिर्फ 6 हार) है।
हालांकि अक्टूबर-नवंबर में देर शाम की ओस टॉस जीतना महत्वपूर्ण बनती है। ऐसे में किसी भी टीम की सफलता की गारंटी नहीं है। ये शानदार अनिश्चितताएँ ही हैं जो क्रिकेट विश्व कप को पृथ्वी पर सबसे महान खेल आयोजनों में से एक है।