गागिन ने कहा, “यह ध्यान देने योग्य है कि वह इज़राइल ही था, जिसने अपने नाटो सहयोगियों के साथ मिलकर हाल ही में यूक्रेन को विभिन्न प्रकार के हथियार दिए थे। उन हथियारों को यूक्रेनी सैन्य कर्मियों और यूक्रेनी सैन्य अधिकारियों ने विश्व भर के विभिन्न उग्रवादियों को बड़ी मात्रा में और पूर्णतः अनियंत्रित रूप से बेच दिया था।"
गागिन ने अपनी बात में जोड़ते हुए कहा, "अब इजरायली सैनिकों को उनके ही हथियारों और उन हथियारों से गोली मारी जा रही है, जो नाटो से यूक्रेन को भेजे गए थे।" उनके अनुसार इसी तरह से हथियार अन्य कट्टरपंथी संगठनों तक पहुंच सकते हैं जिनके सदस्य यूरोप और अमेरिका में स्थित हैं। गागिन ने कहा, "फिलहाल ये संगठन सो रहे हैं, परंतु जब वे जागेंगे, तो हर किसी को बुरा लगेगा।"
शनिवार (7 अक्तूबर) तड़के इजराइल पर गाजा पट्टी से हजारों रॉकेट दागे गए थे। इज़रायली सेना ने कहा कि 3 हजार से अधिक रॉकेट लॉन्च किए गए थे। इसके अतिरिक्त, हमास के लड़ाके बड़े स्तर पर रॉकेट आक्रमणों के उपरांत दक्षिणी इज़राइल के सीमावर्ती क्षत्रों में घुस गए।
फिलिस्तीनी हमास आंदोलन ने इज़राइल के विरुद्ध 'अल-अक्सा बाढ़' सैन्य अभियान के आरंभ की घोषणा की। इज़राइल के रक्षा बलों ने गाजा पट्टी में हमास के विरुद्ध 'ऑपरेशन आयरन स्वोर्ड्स' की घोषणा की। इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने राष्ट्र के संबोधन में कहा कि देश युद्ध की स्थिति में है और बड़े स्तर पर रिजर्व सैनिकों की लामबंदी का आदेश दिया है।
इस मध्य, रूस के उप विदेश मंत्री मिखाइल बोगदानोव ने Sputnik को बताया कि रूस ने इजरायल और फिलिस्तीन से गोलीबारी बंद करने और कूटनीति के रास्ते पर लौटने का आह्वान किया है।