कई विशेषज्ञों के अनुसार, यह हमला कहीं न कहीं दुनिया की सबसे बड़ी खुफिया एजेंसियों में से एक इजराइल की खुफिया एजेंसी मुसाद की विफलता को दर्शाता है।
बताया जाता है कि हमास ने जो लक्षय बनाया था वह हासिल कर लिया जिसमें उसने टूटी हुई दीवारों के माध्यम से सैकड़ों लड़ाकों को भेजने के साथ साथ बुलडोज़रों से तोड़-फोड़ की और फिर घंटों तक चली गोलीबारी में सेकड़ों नागरिकों और सैनिकों को मार डाला।
इजराइल के लिए यह कहीं न कहीं एक बड़ा झटका था, क्योंकि उनकी किसी भी खुफिया तंत्र के पास हमास के इतने बड़े हमले के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। इजराइल के अलावा किसी भी पश्चिमी देश के पास भी इससे जुड़ी कोई जानकारी नहीं थी, विशेषज्ञों ने कहा।
इज़राइल ने पिछले कुछ वर्षों में पूरे गाजा में इलेक्ट्रॉनिक इंटरसेप्ट, सेंसर सहित मानव मुखबिरों का एक जाल बिछा दिया था। इज़राइल ने हमास के हमलों से बचने के लिए सुरक्षा में भारी मात्र में निवेश किया है और हमास के रॉकेट रोकने के लिए आयरन डोम लगाया। लेकिन हाल के हमलों में यह भी नाकाफ़ी साबित हुआ।
Sputnik India ने बात की भारत के रक्षा विशेसज्ञ और मध्य पूर्व की जानकारी रखने वाले कमर आग़ा से, जिन्होंने बताया कि हमास का यह हमला इजराइल के खुफिया विभाग की नाकामी है।
“कोई सुरक्षा फूल प्रूफ नहीं होती है, हालांकि ये पूरी दुनिया को अपनी सुरक्षा तंत्र बेच रहे है। लोग जब ये तय कर ले कि हमें मरना है तो कोई भी उन्हे रोक नहीं सकता है, वे 2 साल से इसकी तैयारी कर रहे थे, उन्होनें खुद ही पैरागलाईड और 5 से 10 हजार रॉकेट बनाये, हो सकता है उन्हें कहीं से टेक्नॉलजी मिली हो। लेकिन बाकी चीजें तो उन्होंने खुद ही तैयार की है। [...] वे यह सब कर रहे थे लेकिन सीआईए और मोसाद को पता नहीं चला,” कमर आग़ा कहते हैं।
Rockets are launched by Palestinian militants from the Gaza Strip towards Israel, in Gaza, Saturday, Oct. 7, 2023.
© AP Photo / Hatem Moussa
इजराइल की सुरक्षा में सेंध लगने के बाद अन्य देश भी अपनी सुरक्षा को चाक चौबंद करने में लग गए हैं। रक्षा विशेषज्ञ से पुछा गया कि भारत को हमास द्वारा किए गए हमले से सबक लेना चाहिए या नहीं, तब वे कहते हैं कि सबक को दूसरे देशों को लेनी चाहिए।
“सबक तो उन देशों को लेनी चाहिए जो आतंकवाद को बढ़ा रहे हैं, जो भारत के खिलाफ उसका उपयोग कर रहे हैं,” रक्षा विशेषज्ञ ने आगे कहा।
कमर आग़ा ने Sputnik India से यह भी कहा कि भारत इस तरह के हमले से बचने के लिए अपने खुफिया तंत्र को विकसित कर रहा है।
कामर ने आखिर में बताया कि हम सब जानते हैं कि इजरायल की मंशा क्या है और यह किस तरह से अपना सामान बेचता है। उनके अनुसार, वह तो सभी देशों को देखना चाहिए जो सुरक्षा के मामले में डील करते हैं और अब इनसे उन्हें मालूम हो जाना चाहिए कि सुरक्षा फूल प्रूफ तब तक नहीं होती जब तक राजनीति समस्या का हल नहीं हो जाता।