रूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया ज़खारोवा ने एक ब्रीफिंग में कहा, "दयालु" पश्चिमी गठबंधन द्वारा यूक्रेन को दिए गए हथियार कहां और कब सामने आएंगे, यह एक सवाल बना हुआ है। लेकिन ऐसा हो रहा है। दुनिया में कहीं भी निर्दोष लोग चेक या बेल्जियम राइफल्स के निशाने पर हो सकते हैं।"
ज़खारोवा के अनुसार, नाटो और यूरोपीय संघ के देश फिर भी यूक्रेन सहित दूसरे क्षेत्रों में आधुनिक हथियारों के कट्टरपंथियों और आतंकवादियों के हाथों में पहुँचने के खतरे को लगातार नजरअंदाज करते हैं। ज़खारोवा ने अपनी बात में जोड़ते हुए कहा, ऐसे परिणामों के उच्च जोखिमों को देखते हुए यह कहा जा सकता है कि पश्चिमी देश आतंकवादी गतिविधियों में शामिल हैं।
ज़खारोवा ने कहा कि यूक्रेन को दिए गए पश्चिमी हथियारों के काले बाजार में पहुँचने का कारण यूक्रेन में भ्रष्टाचार और वाशिंगटन और कीव के बीच भ्रष्टाचार संबंध है।
रूसी सुरक्षा परिषद के उप प्रमुख दिमित्री मेदवेदेव के अनुसार यूक्रेन में नाटो समूह द्वारा कीव शासन को हस्तांतरित किए गए हथियार इज़राइल में सक्रिय रूप से उपयोग किए जाते हैं, और सभी प्रमुख स्थानों में अनियंत्रित रूप से उपयोग किए जाते रहेंगे।
इस बीच, रूस के डोनेट्स्क पीपुल्स रिपब्लिक (डीपीआर) के प्रमुख के सलाहकार यान गागिन ने फ़िलिस्तीन-इज़राइल संघर्ष को लेकर अपना विचार सामने रखा कि यूक्रेन को नाटो द्वारा जो हथियार दिए गए थे, वे फिर से बेचे जा सकते थे और अब इजरायली सैनिकों के विरुद्ध लड़ाई में प्रयोग किए जा रहे हैं।