इजराइल और हमास के बीच चल रहा संघर्ष धीरे धीरे भीषण होता जा रहा है। इजराइल गाजा पट्टी की क्षेत्रों पर अपने लड़ाकू विमानों से बम वर्षा कर रहा है जिसके कारण हमास की ओर से मरने वालों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी होती जा रही है।
इजराइल हमास के ठिकानों पर सटीक-निर्देशित युद्ध सामग्री और मिसाइलों का इस्तेमाल कर रहा है, हालांकि मीडिया रिपोर्ट के अनुसार गाजा पर हवाई हमलों में JDAM बमों का संभावित उपयोग किया जा रहा होगा।
इंटरनेट पर साझा किए गए कुछ वीडियो में JDAM बमों से लैस इजरायली F-16 की तस्वीरें भी देखी गई हैं, लेकिन IDF की ओर से किसी भी प्रकार की पुष्टि नहीं की गई है। इसके अतिरिक्त इजराइल हेलीकॉप्टरों से नागरिक ठिकानों पर हेलफायर मिसाइलें लॉन्च कर रहा है जिसके परिणामस्वरूप बड़े स्तर पर विनाश हुआ है।
मीडिया रिपोर्ट में आगे बताया गया है कि इजरायल ने गाजा पट्टी पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिबंधित सफेद फास्फोरस का उपयोग करना आरंभ कर दिया है जिसके कारण घनी जनसंख्या वाले शहर इसकी चपेट में आए हैं, हालांकि अभी तक इनके प्रयोग को लेकर भी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है।
इजराइल ने साल 2008 में गाजा पर इन बमों का यह कह कर प्रयोग किया कि उनका उपयोग नागरिकी जनसंख्या वाले क्षेत्रों पर नहीं किया गया था, जिसकी वजह से उसने किसी भी तरह से अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन नहीं किया। इससे बड़े स्तर पर होने वाली मौतों के संकट को देखते हुए सफेद फास्फोरस के गोलों का उपयोग अंतरराष्ट्रीय कानून के अंतर्गत अवैध है और इनका उपयोग युद्ध अपराध माना जा सकता है।
सफेद फास्फोरस गोले क्या हैं?
सफेद फास्फोरस प्राकृतिक रूप से नहीं पाया जाता है क्योंकि यह फॉस्फेट चट्टानों का उपयोग करके उत्पादित किया जाता है। यह एक मोम की तरह दिखने वाला क्रिस्टलीय ठोस पदार्थ है जो सफेद से पीले पारदर्शी रंग में आता है। इसमें से लहसुन की तीखी गंध आती है।
सफेद फास्फोरस की सबसे प्रमुख बात यह है कि यह हवा के संपर्क में आने से स्वतः ही आग पकड़ लेता है क्योंकि यह ऑक्सीजन के साथ जबरदस्त प्रतिक्रिया करता है।
इसका उपयोग सेना द्वारा विभिन्न प्रकार के गोला-बारूद के रूप में आग लगाने वाले एजेंट के रूप में किया जाता है हालांकि सभी देशों की सेनाएं इसका उपयोग स्मोक एजेंट के रूप में भी करती हैं। रासायनिक हथियार निषेध संगठन यानी रासायनिक हथियार सम्मेलन लागू करने वाला एक अंतरसरकारी कार्यान्वयन निकाय ने इसे रासायनिक हथियारों की तीन अनुसूचियों में से किसी में भी सूचीबद्ध नहीं किया है।
सफेद फास्फोरस से जमीन पर तेजी से जलने और फैलने वाली आग को भड़का सकता है।
सफेद फास्फोरस का कैसे उपयोग किया जाता है?
सफेद फास्फोरस का इस्तेमाल करने वाले आक्रमण की चपेट में आने वाले लोगों के लिए यह बहुत खतरनाक है क्योंकि यह किसी भी व्यक्ति के अंदर साँस लेने, निगलने या त्वचा के संपर्क के माध्यम से शरीर में पहुंच सकता है। इसके प्रयोग से जल निकाय दूषित हो सकते हैं जो लाखों लोगों और जानवरों के लिए संकट स्वरूप हो सकता है।
रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (CDC) की एक रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि सफेद फास्फोरस को धुएं के रूप में छोड़ा जाए तो यह कृषि उत्पादों को दूषित नहीं कर सकता है।
अगर इसके दूसरे उपयोगों के बारे में बात करें तो यह उर्वरकों, खाद्य योजकों और सफाई यौगिकों में एक घटक के रूप में भी किया जाता है।
क्या सफेद फास्फोरस बम प्रतिबंधित हैं?
अंतरराष्ट्रीय कानूनों के अनुसार सफेद फास्फोरस का उपयोग घनी जनसंख्या वाले क्षेत्रों में करना वर्जित है और इसे युद्ध अपराध माना जाता है, लेकिन कानून में आगे कहा गया है कि स्वतंत्र क्षेत्रों पर इसका प्रयोग किया जा सकता है।
अन्तराष्ट्रिय मानवधिकार संस्था ने सीरिया, अफगानिस्तान और गाजा जैसे क्षेत्रों में सफेद फास्फोरस के उपयोग से नागरिक मौतों का दस्तावेजीकरण किया है।